शिमला, 26 दिसंबर (भाषा) इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने घोषणा की है कि वे एक मरीज के साथ हुई झड़प के बाद एक चिकित्सक की बर्खास्तगी के आदेश को रद्द करने की मांग को लेकर शनिवार सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
शुक्रवार शाम को जारी एक बयान के अनुसार, हड़ताल के दौरान नियमित सेवाएं और बाह्य रोगी विभाग बंद रहेंगे। केवल आपातकालीन सेवाएं ही चालू रहेंगी।
विभिन्न चिकित्सा संघों की संयुक्त कार्य समिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
यह घटना हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बुधवार को डॉ. राघव नरूला की सेवाओं को समाप्त करने के बाद हुयी है, जिन पर सोमवार को एक मरीज अर्जुन सिंह के साथ शारीरिक झड़प में कथित रूप से शामिल होने का आरोप है।
हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन और शिमला एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (एसएएमडीसीओटी) भी चिकित्सक के समर्थन में सामने आए हैं।
एसएएमडीसीओटी ने अपनी आम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से आरडीए को पूर्ण और निरंतर समर्थन देने का निर्णय लिया और कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के संबंध में आगे की कार्रवाई के बारे में अंतिम निर्णय सोमवार को किया जाएगा।
इसमें यह भी मांग की गई कि डा. राघव नरूला की बर्खास्तगी के आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और राज्य सरकार से अस्पताल परिसर में अराजकता फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया गया, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
यह घटनाक्रम हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बुधवार को चिकित्सक राघव नरूला की सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद सामने आया है।
नरूला पर सोमवार को आईजीएमसी के पल्मोनरी वार्ड में मरीज अर्जुन सिंह के साथ कथित शारीरिक झड़प में शामिल होने का आरोप है।
अधिकारियों के अनुसार, इस मामले की जांच समिति की रिपोर्ट में चिकित्सक के आचरण को “कदाचार, दुर्व्यवहार और एक जनसेवक के अनुरूप न होने वाला” बताया गया है।
सोमवार को हुई इस झड़प का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें चिकित्सक को मरीज के चेहरे पर मुक्का मारते हुए देखा गया, जबकि मरीज चिकित्सक को लात मारने की कोशिश कर रहा था।
अर्जुन सिंह ब्रोंकोस्कोपी कराने अस्पताल आया था और प्रक्रिया के बाद सांस लेने में तकलीफ की शिकायत कर रहा था।
सिंह ने आरोप लगाया कि विवाद की शुरुआत चिकित्सक द्वारा उसे ‘तुम’ की जगह ‘तू’ कहकर संबोधित करने से हुई, जिस पर आपत्ति जताने के बाद चिकित्सक आक्रामक हो गया। वहीं, चिकित्सक नरूला का कहना है कि मरीज ने पहले उनके और उनके परिवार के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे विवाद बढ़ा।
थिओग से पैर दर्द के इलाज के लिए आईजीएमसी आई मरीज कृष्णा देवी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, “चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है।”
वहीं, शिमला के कुमारसैन से अपनी बहन की एमआरआई जांच के लिए आए जीवन राम ने बताया कि उन्हें जांच के लिए अगली तारीख दे दी गई है।
ननखेड़ी से आए 80 वर्षीय तुलसी राम ने कहा कि उन्हें चिकित्सकों की छुट्टी की जानकारी नहीं थी और अब जांच के लिए दोबारा लंबा सफर करना पड़ेगा।
शुक्रवार को आरडीए के सदस्यों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में आरडीए अध्यक्ष डॉ. सोहैल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को धैर्यपूर्वक सुना है और विभिन्न चिकित्सा संगठनों की संयुक्त कार्रवाई समिति की सभा आगे की रणनीति तय करेगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अस्पताल परिसर में चिकित्सक को कथित रूप से धमकाने वाली भीड़ के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही, अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
इस बीच, शिमला एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (एसएएमडीसीओटी) ने भी मामले की पारदर्शी जांच की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि भीड़ को कथित तौर पर उकसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
वहीं, देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर संगठन के महासंघ (फोर्डा) ने भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर इस घटना की समयबद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है।
भाषा
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