सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम के सदस्य ने कहा- इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा, जरुरत नहीं

सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम के सदस्य ने कहा- इसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जा रहा, जरुरत नहीं

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  • Publish Date - December 8, 2018 / 08:04 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक का बार-बार मोदी सरकार द्वारा श्रेय लिए जाने के बीच इसमें शामिल रहे सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा है कि इसे ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किए जाने की जरुरत नहीं थी। सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम के सदस्य रहे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक को ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं थी। भारत ने जिस समय सर्जिकल स्ट्राइक की थी उस समय लेफ्टिनेंट जनरल डी. एस. हुड्डा उत्तरी कमान के प्रमुख थे।

हुड्डा ने कहा, मुझे लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक को कुछ ज्यादा ही तवज्जो दी गई। मिलिट्री ऑपरेशन जरूरी था और इसलिए हमने उसे अंजाम दिया। अब इसका कितना राजनीतिकरण हुआ, यह सही है या गलत, इसे राजनेताओं से पूछा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से चीजें नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हो रही हैं, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि हमें अप्रत्याशित तरीके से जवाब देना चाहिए, जब तक कि पाकिस्तान तनाव को कम करने और घुसपैठ को रोकने के लिए कुछ नहीं करता।

उन्होंने कहा कि, मैंने उरी आतंकवादी हमले के दो सप्ताह से भी कम समय के भीतर आतंकियों से बदला लेने के लिए विशेष बलों की योजना (सर्जिकल स्ट्राइक) को मंजूरी दे दी थी। हालांकि रिटायर्ड ले. जनरल हुड्डा के बयान पर आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा, यह उनका अपना विचार हो सकता है। मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। ऐसे कई ऑपरेशंस में उनकी अहम भूमिका रही है। मैं उनके कहे शब्दों का सम्मान करता हूं।

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बता दें कि पूर्व आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग ने इसी साल सितंबर में बताया था कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भारतीय सेना 2015 से तैयारी कर रही थी। सेना से कहा गया था कि इसमें नाकाम होने का विकल्प ही नहीं है।