भुवनेश्वर, 26 सितंबर (भाषा) ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ और विपक्ष तथा सत्तापक्ष के सदस्यों ने एक दूसरे के खिलाफ नारे लगाए।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों तरफ से शोर-शराबा शुरू हो गया।
प्रश्नकाल शुरू होने पर काली पट्टी पहने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गए और उन्होंने आरोप लगाया कि उनके कुछ प्रश्नों को कारण बताए बिना रद्द कर दिया गया।
विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा, ‘‘सदस्यों को उनके किसी भी प्रश्न को रद्द किये जाने के कारण पर संतोषजनक उत्तर दिया जाना चाहिए। मनमाने तरीके से प्रश्नों को रद्द कर दिया गया।’’
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) के सदस्य भी अपने स्थान पर खड़े होकर आरोप लगा रहे थे कि केंद्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं बढ़ाया है।
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई।
विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में बैठक हुई और 12 बजे कार्यवाही पुन: शुरू हुई। हालांकि, फिर से हंगामा होने पर कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित कर दी गयी।
सदन की कार्यवाही बाधित होने पर अध्यक्ष ने विधानसभा सचिव को भाजपा सदस्यों के इन आरोपों की पड़ताल करने के लिए कहा कि उनके प्रश्नों को कारण बताए बिना ही खारिज कर दिया गया।
माझी ने कहा ‘‘अगर हमारे सवाल प्रश्नकाल के दौरान पूछे जाने के लिए स्वीकार नहीं किए जाते तो फिर हमारे यहां रहने का औचित्य क्या है? भाजपा विधायक इस पर अपना विरोध जताने के लिए काली पट्टी पहन कर आए हैं।’’
उन्होंने कांग्रेस पर बीजद के साथ हाथ मिला लेने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि भाजपा का ही बीजद के साथ गुप्त गठजोड़ है।
भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को भी सदन में कामकाज नहीं हो पाया था।
भाषा वैभव मनीषा
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