पतनमथिट्टा (केरल), तीन नवंबर (भाषा) सबरीमला सोना चोरी मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को श्रीकोविल (गर्भगृह) की चौखटों से सोना गायब होने से जुड़े एक अन्य मामले में प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए, विशेष जांच दल (एसआईटी) ने द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्ति की प्लेटों और ‘श्रीकोविल’ की चौखटों से सोना चोरी होने के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।
पोट्टी को पहले भी ‘द्वारपालक’ की प्लेटों से सोना चोरी होने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पेशी वारंट के बाद, उन्हें सोमवार दोपहर रन्नी स्थित प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया।
अधिकारी ने बताया कि एसआईटी ने अदालत में गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी की और दूसरे मामले में उसकी हिरासत की मांग करते हुए एक याचिका दायर की।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद, अदालत ने आरोपी को एसआईटी की 10 दिन की हिरासत में भेज दिया।
अदालत से बाहर ले जाते समय पोट्टी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा।’’
बाद में उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया।
चल रही जांच के तहत, एसआईटी ने पहले सबरीमला के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू और कार्यकारी अधिकारी डी. सुधीश कुमार को गिरफ्तार किया था।
इस बीच, एसआईटी ने रविवार को तिरुवनंतपुरम में त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के पूर्व अध्यक्ष एन. वासु का बयान दर्ज किया।
वासु 2019 में टीडीबी के अध्यक्ष थे, जब सोने से मढ़ी ‘द्वारपालक’ की प्लेटें परत चढ़ाने के लिए पोट्टी को सौंपी गई थीं, जिसके बाद सोना गायब पाया गया था।
अध्यक्ष के रूप में पदोन्नत होने से पहले, वासु ने टीडीबी आयुक्त के रूप में कार्य किया था।
सूत्रों के अनुसार, पोट्टी ने वासु को एक पत्र भी भेजा था जिसमें दावा किया गया था कि इलेक्ट्रोप्लेटिंग प्रक्रिया के बाद उनके पास कुछ अतिरिक्त सोना बचा है। उन्होंने सुझाव दिया था कि इसका उपयोग किसी गरीब महिला की शादी में मदद के लिए किया जा सकता है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि एसआईटी इस सप्ताह जांच के तहत 2019 से रहे अन्य टीडीबी सदस्यों से पूछताछ करेगी।
भाषा वैभव प्रशांत
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