Samvida Karmachari Latest News: खतरे में हजारों संविदा कर्मचारियों की नौकरी! सरकार के इस आदेश से मचा हड़कंप

खतरे में हजारों संविदा कर्मचारियों की नौकरी,

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  • Publish Date - April 27, 2025 / 05:51 PM IST,
    Updated On - April 27, 2025 / 06:14 PM IST

देहरादूनः Samvida Karmachari Latest News सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले संविदा कर्मचारी हमेशा अपने अधिकारों के जूझते नजर आते हैं। नियमितीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर ये कर्मचारी लामबंद होकर अपनी आवाज बुलंद करते नजर आते हैं। इसी बीच उत्तराखंड सरकार ने अपने विभागों में नियमत पदों पर संविदा कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी है। इन पदों को चयन प्रक्रिया से भरा जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इस आदेश से एक ओर इन कर्मचारियों के भविष्य पर तलवार लटक गई है दूसरी ओर रिक्त पदों पर शीघ्र नियमित भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

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Samvida Karmachari Latest News आउटसोर्स समेत विभिन्न माध्यम से अस्थायी व्यवस्था पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों के कार्यरत रहने से विभागों को कामकाज के संचालन में भले ही फौरी तौर पर राहत मिल रही हो, लेकिन सरकार को कई मोर्चों पर चुनौती से जूझना पड़ रहा है। आउटसोर्स एजेंसी उपनल के माध्यम से लगभग 21 हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे हैं। ये कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन कर्मचारियों को लेकर सरकार को नीति तय करने को कहा है। इसी प्रकार अन्य विभागों में भी आउटसोर्स एजेंसी या अस्थायी व्यवस्था पर कार्यरत कर्मचारियों की ओर से भी सरकार को न्यायालय में चुनौती दी गई है। न्यायालयों के आदेशों का अनुपालन नहीं होने से अवमानना की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं।

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इन स्थितियों को देखते हुए सरकार ने विभागीय ढांचे में स्वीकृत नियमित पदों को नियमित चयन प्रक्रिया से ही भरने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, मंडलायुक्तों, विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि शासनादेश का पालन नहीं करने पर संबंधित विभाग के नियुक्ति अधिकारी पर अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी।

संविदा कर्मचारियों की भर्ती पर रोक क्यों लगाई गई है?

उत्तराखंड सरकार ने फैसला लिया है कि विभागों में स्वीकृत नियमित पदों पर अब संविदा के माध्यम से नहीं बल्कि चयन प्रक्रिया द्वारा ही भर्तियां की जाएंगी, जिससे भर्ती में पारदर्शिता और स्थायित्व सुनिश्चित हो सके।

इस आदेश से कौन से कर्मचारी प्रभावित होंगे?

उपनल और अन्य आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से नियुक्त लगभग 21,000 संविदा कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं, जिनकी नियमितीकरण की मांग अब और भी अनिश्चित हो गई है।

क्या संविदा कर्मचारियों की नौकरी खतरे में है?

जी हां, नई नियुक्तियों पर रोक और नियमित भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने से वर्तमान संविदा कर्मचारियों की सेवाएं अस्थिर हो गई हैं और उनके भविष्य पर संकट मंडरा रहा है।

क्या कोर्ट ने इस मामले में कोई निर्देश दिया है?

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने राज्य सरकार को संविदा कर्मचारियों के संबंध में नीति तय करने के निर्देश दिए हैं, जिनका पालन अब तक ठीक से नहीं हुआ है।

सरकार ने किन पदों पर रोक लगाई है?

सभी विभागों में स्वीकृत नियमित पदों को संविदा या आउटसोर्स के माध्यम से भरने पर रोक लगाई गई है, केवल चयन आयोग या अन्य नियमानुसार प्रक्रिया से ही नियुक्ति की जाएगी।