न्यायालय ने जीएमआर को हवाई अड्डा संचालन की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा किया

न्यायालय ने जीएमआर को हवाई अड्डा संचालन की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा किया

न्यायालय ने जीएमआर को हवाई अड्डा संचालन की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका का निपटारा किया
Modified Date: September 27, 2024 / 02:27 pm IST
Published Date: September 27, 2024 2:27 pm IST

नयी दिल्ली, 27 सितम्बर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने निजी कंपनी ‘जीएमआर एयरपोर्ट्स’ को नागपुर के ‘बाबासाहेब अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे’ का उन्नयन और संचालन करने की अनुमति देने के अपने फैसले के खिलाफ दायर केंद्र और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) की सुधारात्मक याचिका का शुक्रवार को निपटारा कर दिया।

शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर कार्यवाही बंद करने का फैसला सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस स्वतंत्र पेशेवर राय पर गौर करने के बाद लिया कि केंद्र और एएआई की सुधारात्मक याचिकाएं इस प्रकार याचिकाओं पर विचार करने के लिए निर्धारित कानूनी मापदंडों के अंतर्गत नहीं आतीं।

सुधारात्मक याचिका, वादी के लिए उपलब्ध अंतिम कानूनी सहारा है और शीर्ष अदालत ने 2002 में रूपा अशोक हुर्रा मामले में दिए फैसले के तहत इसका प्रावधान किया था। इसे मुख्य मामले और पुनरीक्षण याचिका के खारिज होने के बाद तब दायर किया जा सकता है जब प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन होने, पक्षपात की आशंका होने तथा न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होने की आशंका हो।

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शुक्रवार को शीर्ष विधि अधिकारी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की विशेष पीठ से कहा कि केंद्र और एएआई की सुधारात्मक याचिकाएं 2002 के फैसले के तहत नहीं आती हैं और वे पक्षपात के आधार पर दलीलें पेश नहीं कर सकते।

हालांकि, विधि अधिकारी ने साथ ही कहा कि जिस पहलू में यह कहा गया है कि केंद्र और एएआई मुकदमे में आवश्यक पक्षकार नहीं हैं, उस पर पुनर्विचार किया जा सकता है, क्योंकि इसी प्रकार के मामलों में इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल के विचारों की सराहना की और कहा कि सुधारात्मक याचिका का निपटारा किया जाता है।

शीर्ष अदालत ने नौ मई, 2022 को बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था, जिसमें हवाई अड्डे के उन्नयन और संचालन के लिए ‘जीएमआर एयरपोर्ट्स’ को दिए गए अनुबंध को रद्द करने के संबंध में एक संयुक्त उद्यम कंपनी द्वारा जारी मार्च 2020 के संचार को रद्द कर दिया गया था। केंद्र और एएआई ने शीर्ष अदालत के 2022 के आदेश के खिलाफ सुधारात्मक याचिका दायर की थी।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश


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