नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा विधायक आर. अशोक के खिलाफ भूमि आवंटन भ्रष्टाचार मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया है।
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति विपुल एम. पंचोली की पीठ ने कहा कि प्राथमिकी से पता चलता है कि शिकायतकर्ताओं ने एक नेता के रूप में अपीलकर्ता की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा करने और उन पर दुर्भावना का आरोप लगाने के लिए सुनियोजित प्रयास किया है।
पीठ ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता के खिलाफ की गई कार्रवाई प्रथम दृष्टया राजनीतिक रूप से प्रेरित और दुर्भावना से ग्रस्त लगती है, भले ही देरी को अलग रख दिया जाए, कानून की दृष्टि से अपीलकर्ता के खिलाफ मुकदमा आगे नहीं बढ़ सकता।’’
इस मामले में, बेंगलुरु दक्षिण तालुक बागर हुकुम भूमि नियमितीकरण समिति के प्रमुख के रूप में अशोक के कार्यकाल के दौरान भूमि आवंटन में हुई अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए कर्नाटक एसीबी द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एक शिकायत दर्ज की गई थी कि उनके कार्यकाल के दौरान, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और गरीबों के लिए आरक्षित सरकारी भूमि का अवैध आवंटन उनके परिवार के सदस्यों, राजनीतिक समर्थकों और पार्षदों को किया गया था।
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देवेंद्र प्रशांत
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