न्यायालय ने आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों पर रोक संबंधी याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

न्यायालय ने आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों पर रोक संबंधी याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

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  • Publish Date - January 18, 2024 / 01:05 PM IST,
    Updated On - January 18, 2024 / 01:05 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों को पर्यावरण में छोड़ने पर रोक लगाने की मांग संबंधी याचिका पर आदेश बृहस्तिवार को सुरक्षित रख लिया।

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता तथा वकील प्रशांत भूषण और संजय पारिख की दलीलें सुनीं।

शीर्ष अदालत ने पक्षकारों को निर्देश दिए कि वे 22 जनवरी तक लिखित में अपनी दलीलें दाखिल करें।

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों का मामला बेहद तकनीकी और वैज्ञानिक है। न्यायालय ने कहा था वह जीएम सरसों से जुड़ी याचिका पर कोई फैसला इस आधार पर लेगी कि देश के लिए क्या अच्छा है।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले केंद्र से पूछा था कि आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों की जैव सुरक्षा पर अदालत द्वारा नियुक्त तकनीकी विशेषज्ञ समिति (टीईसी) की रिपोर्ट पर जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जीईएसी) ने ध्यान क्यों नहीं दिया।

शीर्ष अदालत ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से पूछा कि क्या जीईएसी या विशेषज्ञों की उप-समिति ने 25 अक्टूबर 2022 को ‘ट्रांसजेनिक सरसों हाइब्रिड डीएमएच-11’ को पर्यावरण में छोड़ने की मंजूरी से पहले टीईसी की रिपोर्ट पर कभी विचार किया था।

भाषा शोभना सुभाष

सुभाष