Manipur Violence: हिंसा रोकने के लिए क्या कदम उठाए? SC ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
SC seeks report on Manipur violence मणिपुर में 60 दिन से सिलसिलेवार हिंसा की घटनाएं देखने को मिलने रही हैं।
SC seeks report on Manipur violence
SC seeks report on Manipur violence : मणिपुर में 60 दिन से सिलसिलेवार हिंसा की घटनाएं देखने को मिलने रही हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों, बेघर और हिंसा प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास शिविरों के लिए उठाए गए कदमों, बलों की तैनाती और कानून व्यवस्था की स्थिति पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी है।
Supreme Court seeks a detailed status report from Manipur government on the measures taken to curb ethnic violence in the State, steps taken for rehabilitation camps for homeless and violence-affected people, deployment of forces, and the law and order situation.
Supreme Court… https://t.co/zEs4fsyk4g
— ANI (@ANI) July 3, 2023
बता दें कि ऑपरेशन सस्पेंशन के तहत मणिपुर के दो संगठनों ने दो महीने बाद नेशनल हाइवे-2 को खाली कर दिया है। यहां पर कुकी समुदाय के दो संगठनों का कब्जा था और आवागमन बंद चल रहा था। कुकी समुदाय ने कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर कांगपोकपी जिले में दो महीने से चली आ रही नाकेबंदी हटा ली है। इस बीच, बिष्णुपुर में झड़प होने से तीन की मौत हो गई है और पांच घायल हुए हैं।
राज्य सरकार ने कहा सुधर रहे हालात
मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका का केंद्र और मणिपुर सरकार ने जवाब दिया है। सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य में स्थिति में धीरे-धीरे सुधर रही है। सॉलिसीटर जनरल ने कोर्ट में जवाब देते हुए कहा कि केंद्रीय बलों की 114 कंपनियां मणिपुर में तैनात की गई हैं और हालात सुधर रहे हैं। इसके विरोध में मणिपुर ट्राइबल फोरम के वकील ने कहा कि कुकी समुदाय पर हमले हो रहे हैं और इससे निपटने में सरकार नाकाम है।
राज्य सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों, बेघर और हिंसा प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास शिविरों के लिए उठाए गए कदमों, बलों की तैनाती और कानून व्यवस्था की स्थिति पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 जुलाई को तय की है।

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