नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा)उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के डिफेंस कॉलोनी क्षेत्र में लोधी-कालीन स्मारक ‘‘शेख अली की गुमटी’’ के आसपास लचर रखरखाव को लेकर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की कि ‘‘यदि कोई गणमान्य व्यक्ति आ रहा होता तो आप इसे दो घंटे में साफ कर देते।’’
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने एमसीडी के आयुक्त को अधिकारियों को जवाबदेह बनाने का निर्देश देते हुए उन्हें ‘कोर्ट कमिश्नर’ द्वारा दर्शाई गई कमियों से ठीक करने के लिए एक कार्य योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने चार सितंबर को दिये फैसले में टिप्पणी की, ‘‘यदि कोई गणमान्य व्यक्ति आ रहा होता, तो आप उसे दो घंटे में साफ कर देंते और क्षेत्र को साफ-सुथरा रखते। क्या आप हमारे आदेशों के प्रति यही सम्मान दिखाते हैं? खुद को रोकना बहुत मुश्किल है, लेकिन क्या आपका व्यवहार ऐसा ही है? क्या यह कोई अहंकार का मामला है, जिसके बारे में आप कहते हैं कि पुरातत्व विभाग ऐसा करेगा?’’
शीर्ष अदालत ने नगर निकाय को दिन-प्रतिदिन स्थिति की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त करने और अधिकारी का विवरण वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया, जिन्हें इस मामले में ‘कोर्ट कमिश्नर’ नियुक्त किया गया है।
शंकरनारायणन ने बुधवार को मौके का मुआयना किया था। उनके द्वारा पेश रिपोर्ट का अवलोकन करते हुए अदालत ने पाया कि उसके आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया है।
पीठ ने इसके बाद एमसीडी आयुक्त को अपराह्न तीन बजे पेश होने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि अदालत और एमसीडी के बीच संवादहीनता बहुत ज्यादा है। इसलिए हम चाहते हैं कि एमसीडी के आयुक्त अपराह्न तीन बजे अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों, ताकि अदालत जो भी आदेश पारित करे, वह उनकी उपस्थिति में हो और उसे सही भावना से लिया जाए।’’
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम यह आदेश पारित करने के लिए विवश हैं, क्योंकि हम एमसीडी को अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त छूट दे रहे हैं, लेकिन हम पाते हैं कि एमसीडी के आचरण और रुख से हमारी उम्मीदें धराशायी हो गई हैं।’’
जब आयुक्त उपस्थित हुए तो उन्होंने कहा कि सीमेंट वाले हिस्से के संबंध में कुछ संवादहीनता थी और आश्वासन दिया कि इसे हटा दिया जाएगा।
इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई 18 सितंबर के लिए स्थगित कर दी और एमसीडी से उनके आदेशों की अवहेलना करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों तथा इस संबंध में की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट तलब की।
भाषा धीरज नरेश
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