इसरो जासूसी केस, सुप्रीम कोर्ट ने दिया दोषमुक्त वैज्ञानिक को 50 लाख मुआवजा देने का आदेश

इसरो जासूसी केस, सुप्रीम कोर्ट ने दिया दोषमुक्त वैज्ञानिक को 50 लाख मुआवजा देने का आदेश

इसरो जासूसी केस, सुप्रीम कोर्ट ने दिया दोषमुक्त वैज्ञानिक को 50 लाख मुआवजा देने का आदेश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 pm IST
Published Date: September 14, 2018 10:38 am IST

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इसरो जासूसी मामले में बड़ा फैसला सुनाया। सर्वोच्च अदालत ने उत्पीड़न का शिकार हुए इसरो वैज्ञानिक को 50 लाख रुप का मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आगे कहा कि इस केस में वैज्ञानिक एस नंबी नारायणन को 24 साल पहले केरल पुलिस ने बिना कारण गिरफ्तार किया था। उन्हें परेशान करने के साथ ही, मानसिक प्रताड़ना भी दी गई।

शीर्ष न्यालायल ने अपने आदेश में केरल के पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच करवाने के लिए कहा है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड की बेंच ने 76 वर्षीय वैज्ञानिक नारायणन को बड़ी राहत दी।

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नारायणन ने केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि पूर्व डीजीपी और दो रिटायर्ड एसपी केके जोशुआ और एस विजयन के खिलाफ कार्रवाई करने की कोई जरूरत नहीं है, जबकि वैज्ञानिक की गलत गिरफ्तारी के लिए सीबीआई द्वारा ये जिम्मेदार ठहराए गए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने जासूसी मामले में नारायणन को आरोपित किए जाने की जांच के लिए पूर्व न्यायामूर्ति डीके जैन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल गठित किया। आपको बता दें कि 1994 के जासूसी मामले में बरी किए गए इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नारायणन तब से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। उनका कहना था कि उन्हें जासूसी के झूठे केस में फंसाया गया था।

वेब डेस्क, IBC24


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