एससीबीए ने सीजेआई से आग्रह किया कि अवकाशकालीन पीठ बढ़ाए जाएं, सुनवाई वाले मामलों की श्रेणी भी बढ़ाई जाए

एससीबीए ने सीजेआई से आग्रह किया कि अवकाशकालीन पीठ बढ़ाए जाएं, सुनवाई वाले मामलों की श्रेणी भी बढ़ाई जाए

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  • Publish Date - May 25, 2021 / 10:10 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने मंगलवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमण को पत्र लिखकर अवकाशकालीन पीठों की संख्या बढ़ाने और छुट्टी के दौरान सुनवाई किए जाने वाले मामलों की श्रेणी में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया।

उन्होंने प्रधान न्यायाधीश से आग्रह किया कि मौखिक सूचीबद्धता की व्यवस्था भी बहाल की जाए।

सिंह ने प्रधान न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा, ‘‘आज की सूची में यह आश्चर्यजनक तौर पर कहा गया है कि मौखिक सूचीबद्धता को अनुमति नहीं दी जाएगी जबकि इस अदालत में यह व्यवस्था नहीं थी कि अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सूचीबद्धता से रोका गया हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आग्रह किया जाता है कि आपका कार्यालय अवकाश पीठ की स्थिति को लेकर तुरंत आवश्यक कदम उठाए, जैसा कि इस अदालत की परंपरा रही है और अवकाश पीठ की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही उन मामलों की श्रेणी का विस्तार भी किया जाए जिन पर छुट्टियों के दौरान सुनवाई हो ताकि छुट्टियों के दौरान अधिक से अधिक मामलों पर सुनवाई हो सके।’’

सिंह ने कहा कि वह इस अदालत में 30 वर्षों से अधिक समय से प्रैक्टिस कर रहे हैं और छुट्टियों के दौरान यह परंपरा रही है कि अवकाशकालीन न्यायाधीश या पीठ सभी विशेष पीठों की शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं और साथ ही अगर कोई बहुत आवश्यक हो और कोई जरूरी आदेश पारित करना हो तो किसी विशेष मामले पर सुनवाई भी करते हैं।

उन्होंने कहा कि यह परंपरा रही है कि उच्चतम न्यायालय के वरीय अवकाशकालीन न्यायाधीश (एकल न्यायाधीश)/ वरिष्ठ न्यायाधीश (खंडपीठ) मामलों की सूचीबद्धता में भारत के प्रधान न्यायाधीश की शक्तियों का भी इस्तेमाल करते हैं।

भाषा नीरज अनूप

अनूप