जैविक वस्त्रों और प्राकृतिक रंग वाले परिधानों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गईं : सरकार

जैविक वस्त्रों और प्राकृतिक रंग वाले परिधानों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गईं : सरकार

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  • Publish Date - August 8, 2025 / 02:51 PM IST,
    Updated On - August 8, 2025 / 02:51 PM IST

नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) सरकार ने जैविक वस्त्रों और प्राकृतिक रंग वाले परिधानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई पहल की हैं।

कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गरीटा ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शुक्रवार को राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम के तहत ‘मेगा क्लस्टर विकास कार्यक्रम’ और ‘जरूरत आधारित विशेष आधारभूत परियोजनाएं’’ जैसे उपघटक शामिल हैं, जिसके अंतर्गत राज्य सरकारों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर प्राकृतिक या वनस्पति रंगों के प्रचार और डाई हाउस की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

मार्गरीटा ने बताया कि कपड़ा मंत्रालय ने अनुसंधान एवं विकास योजना के तहत प्राकृतिक रंगों पर तीन अनुसंधान परियोजनाओं को स्वीकृति दी है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा ‘‘इंडिया हैंडलूम ब्रांड’’ पहल शुरू की गई है, जो उच्च गुणवत्ता वाले हथकरघा उत्पादों की ब्रांडिंग “शून्य दोष और शून्य प्रभाव” के साथ करती है। इसके तहत कपड़ा मंत्रालय के अधीन वैधानिक निकाय टेक्सटाइल्स कमेटी द्वारा प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने वाले उत्पादों का पंजीकरण किया जाता है और विपणन में सहायता दी जाती है।

मंत्री ने यह भी बताया कि कृषि मूल्य श्रृंखला में स्थिरता और मूल्यवर्धन पर एक परियोजना मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य भारत में जैविक कपास की आपूर्ति को बढ़ाना और अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के साथ विपणन संबंध स्थापित करना है।

उन्होंने बताया कि आईसीएआर-सीआईसीआर ने जैविक कपास उत्पादन के लिए प्रथाओं के विकास, प्राकृतिक रंग वाले कपास की व्यावसायिक खेती के लिए उन्नत बीज किस्मों और जैविक-प्राकृतिक रंग वाले कपास के उत्पादन को बढ़ावा देने जैसे कई सहयोगात्मक प्रयास किए हैं।

इसके अलावा ‘भारत टेक्स 2025’ में, जैविक फाइबर और प्राकृतिक रंगों को प्रदर्शित किया गया, ताकि इस बारे में जागरूकता उत्पन्न की जा सके और इनके उपयोग को बढ़ावा मिले।

मंत्री ने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य जैविक वस्त्रों की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना, पारंपरिक तकनीकों को बढ़ावा देना और वैश्विक बाजार में भारत की साख को मजबूत करना है।

भाषा मनीषा माधव

माधव