कन्नड़ बोलने से इनकार करने के बैंक प्रबंधक के व्यवहार की सिद्धरमैया ने निंदा की

कन्नड़ बोलने से इनकार करने के बैंक प्रबंधक के व्यवहार की सिद्धरमैया ने निंदा की

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  • Publish Date - May 21, 2025 / 02:28 PM IST,
    Updated On - May 21, 2025 / 02:28 PM IST

बेंगलुरु, 21 मई (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को अनेकल तालुक में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की एक शाखा प्रबंधक के कन्नड़ में बात करने से इनकार करने के व्यवहार की निंदा की।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कथित तौर पर एक ग्राहक के साथ वह कन्नड़ भाषा को लेकर बहस करती हुई सुनी जा सकती हैं।

मंगलवार को सामने आए वीडियो में ग्राहक के साथ कथित बहस के दौरान, प्रबंधक को यह कहते हुए सुना जा सकता है ‘‘मैं कन्नड़ में बिल्कुल बात नहीं करूंगी…….बल्कि हिंदी में बात करूंगी।’’

उन्हें बार-बार यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह कन्नड़ में बात नहीं करेगी, जबकि ग्राहक ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों का हवाला देते हुए दावा किया कि बैंक कर्मचारियों को क्षेत्रीय भाषा में संवाद करना आवश्यक है।

इस घटना की कन्नड़ कार्यकर्ताओं और कन्नड़ समर्थक समूहों ने कड़ी निंदा की। उन्होंने प्रबंधक द्वारा माफी मांगे जाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में अधिकारी को स्थानांतरित करने की एसबीआई की त्वरित कार्रवाई की सराहना की और कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सूर्य नगर, अनेकल तालुक में एसबीआई शाखा प्रबंधक का कन्नड़ और अंग्रेजी में बात करने से इनकार करना और नागरिकों के प्रति अनादर दिखाना, अत्यंत निंदनीय है। हम अधिकारी को स्थानांतरित करने की एसबीआई की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हैं। अब इस मामले को समाप्त माना जा सकता है।’’

हालांकि, सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए और सभी बैंक कर्मचारियों को ग्राहकों के साथ सम्मान से पेश आना चाहिए और स्थानीय भाषा में बात करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने हैशटैग ‘कन्नड़ फर्स्ट’ के साथ लिखा, ‘‘मैं केंद्रीय वित्त मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग से पूरे भारत में सभी बैंक कर्मचारियों के लिए सांस्कृतिक और भाषा संवेदीकरण प्रशिक्षण अनिवार्य करने का आग्रह करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषा का सम्मान करना लोगों का सम्मान करना है।

भाषा वैभव नरेश

नरेश