एसकेएम ने रोहतक में खट्टर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित लाठीचार्ज की निंदा की

एसकेएम ने रोहतक में खट्टर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कथित लाठीचार्ज की निंदा की

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  • Publish Date - April 3, 2021 / 06:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को रोहतक जिले के अस्थल बोहर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा कथित लाठीचार्ज की निंदा की।

एसकेएम ने एक बयान में यह दावा भी किया कि पुलिस द्वारा किये गए इस लाठीचार्ज में कई किसान घायल हो गए।

किसानों को जब खट्टर के दौरे के बारे में पता चला तो महिलाओं सहित कई किसान एक निजी विश्वविद्यालय के बाहर इकट्ठा हो गए जहां मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर उतरना था।

प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय की ओर बढ़ने पर अड़े हुए थे। उन्होंने पुलिस बैरिकेड से आगे बढ़ने का प्रयास किया तो उन पर कथित रूप से लाठीचार्ज किया गया।

बयान के अनुसार, हरियाणा के भाजपा नेताओं और सरकार के लगातार ‘‘किसान विरोधी भाषणों और व्यवहार’’ को देखते हुए अपमानित महसूस कर रहे एवं नाराज किसानों ने काले झंडों के साथ शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया और बड़ी संख्या में अस्थल बोहर में इकट्ठा हुए।

बयान में दावा किया गया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ‘‘हिंसा की’’ और महिला प्रदर्शनकारियों को भी नहीं बख्शा। बयान में कहा गया है कि इस घटना में कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

हरियाणा के किसानों द्वारा फतेहाबाद में भी भाजपा सांसद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

एसकेएम ने कहा कि शुक्रवार को ‘‘सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की वसूली’’ संबंधी कानून को लेकर खट्टर सरकार के खिलाफ राज्य-स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया था। उसने कहा कि एसकेएम की मांग है कि राज्य इस कानून को तुरंत वापस ले।

संगठन ने दावा किया कि भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा के युवा नेता रवि आजाद को राज्य पुलिस ने कई मामलों में झूठे और मनगढ़ंत आरोपों के साथ गिरफ्तार किया।

उसने कहा कि एसकेएम हरियाणा पुलिस के दमनकारी व्यवहार की निंदा करता है और मांग करता है कि आजाद को तुरंत और बिना शर्त रिहा किया जाए।

उसने कहा कि एसकेएम के नेतृत्व में शनिवार को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में 100 से अधिक संगठनों ने हिस्सा लिया।

भाषा अमित अविनाश

अविनाश