सैनिक सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं, राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण के भी प्रतीक हैं : कलराज मिश्र

सैनिक सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं, राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण के भी प्रतीक हैं : कलराज मिश्र

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  • Publish Date - January 14, 2024 / 04:21 PM IST,
    Updated On - January 14, 2024 / 04:21 PM IST

जयपुर, 14 जनवरी (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को कहा है कि सैनिक देश की सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं हैं, वे त्याग और समर्पण के भी प्रतीक हैं।

उन्होंने लोगों से राष्ट्र के लिए सर्वस्व अर्पित करने वाले पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों का हर संभव सहयोग करने एवं उनकी सेवाओं का सम्मान करने का आह्वान किया है।

मिश्र रविवार को आठवें सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस पर सेना के सप्त शक्ति प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के पहले भारतीय ‘कमांडर-इन-चीफ’ फील्ड मार्शल के एम करियप्पा की सेवाओं को भी इस अवसर पर विशेष रूप से स्मरण करते हुए कहा कि करियप्पा ने राष्ट्र की सेवा में जो निस्वार्थ सेवाएं दी हैं, वह सदा स्मरणीय रहेगी। उन्होंने कहा कि उनकी सेवानिवृति दिवस को इसलिए सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस के रूप में मनाने की पहल की गयी है।

मिश्र ने कहा कि सैनिक केवल अपने परिवार के बारे में नहीं सोचता बल्कि देश और समाज को सुरक्षित रखने की सदा चिंता करता है।

उन्होंने कवि माखनलाल चतुर्वेदी की ‘पुष्प की अभिलाषा’ कविता की पंक्तियों को सुनाते हुए कहा कि जिस तरह पुष्प की अभिलाषा वीर सैनिकों के पथ पर अपने को फेंके जाने की है, वैसे ही सैनिकों की कामना भी यही रहती है कि वे राष्ट्र के लिए अपने आपको अर्पित करें।

उन्होंने सैनिक कल्याण से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, पूर्व सैनिक पेंशन और अन्य सुविधाओं को समयबद्ध और सुगम ढंग से उन तक पहुंचाए जाने और उनके कल्याण के लिए सुनियोजित तंत्र के तहत कार्य करने का भी आह्वान किया।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी रविवार को यहां अमर जवान ज्योति (जनपथ) पर आयोजित आठवें सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस समारोह में सम्मिलित होकर सभी सेवानिवृत्त वीर जवानों की वीरता, पराक्रम और राष्ट्र सेवा भाव को नमन किया।

सप्त शक्ति प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सेना से जुड़े अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि सैनिकों को प्रोत्साहित करते हुए उनके लिए सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग के जरिए व्यावहारिक स्तर पर कार्य करते हुए सैन्य सेवाओं की समृद्धि के लिए कार्य करने का विश्वास दिलाया।

राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने सेना और सैनिकों के पराक्रम को स्मरण करते हुए कहा कि सैनिक साहस और वीरता के पर्याय होते हैं, उनसे सीख लेते हुए सभी को राष्ट्र के लिए कृतसंकल्प होकर कार्य करना चाहिए।

दक्षिण पश्चिमी कमांड के ले. जनरल धीरज सेठ ने पूर्व सैनिकों के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।

इस अवसर पर राज्यपाल और सैनिक कल्याण मंत्री तथा राज्य मंत्री द्वारा वीरांगनाओं, वीर माता—पिता एवं वीरता तथा विशिष्ट पदक धारकों को सम्मानित किया गया। इससे पहले राज्यपाल ने सभी को संविधान की उद्देशिका का वाचन कराया तथा मूल कर्तव्यों को पढ़कर सुनाया।

राज्यपाल ने सप्त शक्ति सेना क्षेत्र में पूर्व सैनिकों की स्मृति में पुष्प चक्र अर्पित उन्हें श्रद्धांजलि दी। भाषा कुंज राजकुमार