दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी कुछ खबरें सनसनीखेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित: अदालत

दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी कुछ खबरें सनसनीखेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित: अदालत

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  • Publish Date - February 19, 2021 / 08:52 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के बारे में मीडिया में आई कुछ खबरें ‘सनसनीखेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित रिपोर्टिंग’ की ओर संकेत करती हैं।

अदालत ने इस तरह की सामग्री को इस चरण में हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया लेकिन साथ ही मीडिया प्रतिष्ठानों से कहा कि लीक हुई जांच सामग्री प्रसारित नहीं की जाए।

गौरतलब है कि किसानों के प्रदर्शनों के समर्थन में एक टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते दिशा रवि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि इस तरह की समाचार सामग्री तथा दिल्ली पुलिस के ट्वीट को हटाने से संबंधित अंतरिम याचिका पर विचार बाद में किया जाएगा।

बहरहाल, उच्च न्यायालय ने मीडिया प्रतिष्ठानों से कहा कि लीक हुई जांच सामग्री को प्रसारित नहीं किया जाए क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह हलफनामा में दिए गए अपने इस रूख का पालन करे कि उसने जांच संबंधी कोई जानकारी प्रेस को लीक नहीं की और न ही उसका ऐसा कोई इरादा है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि टूलकिट मामले में पुलिस को कानून का और ऐसे मामलों की मीडिया कवरेज के सिलसिले में 2010 के एजेंसी के ज्ञापन का पालन करते हुए प्रेस ब्रीफिंग करने का अधिकार है।

अदालत ने मीडिया प्रतिष्ठानों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि केवल सत्यापित सामग्री ही प्रकाशित की जाए और वह जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में चल रही जांच बाधित न करें।

अदालत दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने जांच सामग्री को मीडिया में लीक करने से पुलिस को रोकने का अनुरोध किया है।

याचिका में मीडिया को उनकी व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत या अन्य चीजें प्रकाशित करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है।

भाषा

मानसी शाहिद

शाहिद