खेल विधेयक से ठहराव दूर होगा, प्रशासन में पारदर्शिता आएगी : पीटी ऊषा

खेल विधेयक से ठहराव दूर होगा, प्रशासन में पारदर्शिता आएगी : पीटी ऊषा

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  • Publish Date - August 12, 2025 / 05:24 PM IST,
    Updated On - August 12, 2025 / 05:24 PM IST

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) राज्यसभा की मनोनीत सदस्य पीटी ऊषा ने मंगलवार को राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे दशकों से चला आ रहा ठहराव दूर होगा और देश के खेल प्रशासन में ‘‘पारदर्शिता और जवाबदेही’’ सुनिश्चित होगी।

राज्यसभा में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक पर एक साथ हुई चर्चा में भाग लेते हुए ऊषा ने राष्ट्रीय खेल बोर्ड (एनएसबी) की स्थापना सहित इसके प्रावधानों की सराहना की।

लोकसभा ने एक दिन पहले ही दोनों विधेयकों को मंजूरी दी थी।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष ऊषा ने कहा, ‘‘आज का दिन व्यक्तिगत और राष्ट्रीय महत्व का है। मुझे इस दिन का लंबे समय से इंतज़ार था।’’

उन्होंने पिछले साल इस विधेयक का विरोध करते हुए इसे सरकारी हस्तक्षेप बताया था और आगाह किया था कि कि भारत को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, खेल मंत्री मनसुख मांडविया के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद उन्होंने अपनी राय बदल ली।

ऊषा ने कहा, ‘‘मैं आपको 1984 में ले जाती हूं, मैं उस समय सिर्फ 20 साल की था जब मैं लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पदक जीतने से चूक गयी थी। उस दिन मेरा दिल टूट गया था… हमारे दिलों में जो सपने थे, उन्हें पूरा करने के लिए कोई व्यापक खेल कानून नहीं था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तब से चार दशक बीत गए, ठहराव वाली यथास्थिति को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया गया… आज उम्मीदें कानून में बदल गई हैं। यह एक दूरदर्शी और लंबे समय से प्रतीक्षित विधेयक है।’’

ऊषा ने कहा कि यह विधेयक पारदर्शिता, जवाबदेही और लैंगिक समानता लाएगा तथा एथलीटों को सशक्त बनाएगा और प्रायोजकों तथा महासंघों के बीच विश्वास पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न्याय और निष्पक्षता से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि विधेयक में एक सुव्यवस्थित प्रशासनिक व्यवस्था बनाने पर जोर दिया गया है और इससे 2036 के ओलंपिक की दावेदारी में भारत को मदद मिलेगी।

ऊषा ने कहा, ‘‘यह विधेयक ऐसे समय आया है जब भारत बड़े सपने देख रहा है, 2036 ओलंपिक की मेज़बानी कर वैश्विक खेल जगत में अपनी हिस्सेदारी का सपना देख रहा है। भारत के लिए, यह सिर्फ़ विधेयक नहीं, बल्कि कार्रवाई का स्पष्ट आह्वान है।’’

उन्होंने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे प्रभावी कानून के माध्यम से ही हम स्वच्छ खेलों की एक नयी संस्कृति ला सकते हैं। यह विधेयक एथलीटों के लिए स्पष्ट मार्ग प्रशस्त करेगा।’’

भाषा अविनाश मनीषा

मनीषा