UPSC परीक्षा में ‘स्टील प्लांट’ को लिखा ‘इस्पात का पौधा’, संदन में गूंजा Google Translation का मुद्दा

UPSC परीक्षा में 'स्टील प्लांट' को लिखा 'इस्पात का पौधा', संदन में गूंजा Google Translation का मुद्दा

UPSC परीक्षा में ‘स्टील प्लांट’ को लिखा ‘इस्पात का पौधा’, संदन में गूंजा Google Translation का मुद्दा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: August 2, 2019 10:53 am IST

नई दिल्ली: संसद के उच्च सदन में गुरूवार को गूगल ट्रांसलेट का मुद्दा गूंजा। दरसअल राज्यसभा में भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने यूपवीएससी के सवालों का गूगल ट्रांसलेट में अजीबोगरीब हिंदी अनुवाद पर राज्यसभा में सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में अंग्रेजी के प्रश्नों का अनुवाद गूगल ट्रांसलेट से किया जा रहा है। यह अनुवाद हिंदी के विद्वानों को भी समझ नहीं आ रहा है। ऐसी हिंदी केवल यूपीएससी के अधिकारी ही समझ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि ‘स्टील प्लांट’ का अनुवाद ‘इस्पात का पौधा’ किया जा रहा है।

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शून्यकाल में भाजपा सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सामान्यत: अंग्रेजी के पेपर का अनुवाद गूगल से किया जाता है। इस अनुवाद आम तौर पर गलत किया जाता है। गलत अनुवाद मिलने से हिन्दी के मेधावी छात्र उसे समझ नहीं पाते। ऐसे में जब अनुवाद ही गलत आए तो बच्चे कैसे समझेंगे।

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इस दौरान उन्होंने कुछ उदाहरण भी दिए और कुछ वाक्य भी बताए। जैसे- ‘वार्महोल’ से होते हुए अंतरा-मंदाकनीय अंतरिक्ष यात्रा की संभावना की पुष्टि हुई। वहीं उन्होंने बताया कि अंग्रेजी में लिखे शब्दों ‘स्टील प्लांट’ का हिन्दी में अनुवाद ‘इस्पात का पौधा’ लिखा गया। उन्होंने आगे कहा कि इन वाक्यों का अर्थ केवल गूगल या यूपीएससी के अधिकारी ही बता सकते हैं।

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यादव ने आगे कहा कि इन्हीं कारणों से यूपीएससी जैसी परीक्षाओं में लगातार हिंदी के ​अभ्यर्थियों में गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि साल 2000 में भारतीय भाषाओं के छात्रों की सफलता का प्रतिशत 20 था, जो सीसैट लागू होने के बाद से 2008 में 2 फीसद हो गया। पिछले साल 1222 उम्मीदवारों का चयन हुआ था, जिनमें से हिंदी भाषी केवल 26 और अन्य भारतीय भाषाओं के केवल 27 छात्रों का चयन हुआ था।

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