छात्रों को सिर्फ किताबी कीड़ा नहीं होना चाहिए बल्कि समग्र व्यक्तित्व पर काम करना चाहिए: इसरो प्रमुख

छात्रों को सिर्फ किताबी कीड़ा नहीं होना चाहिए बल्कि समग्र व्यक्तित्व पर काम करना चाहिए: इसरो प्रमुख

छात्रों को सिर्फ किताबी कीड़ा नहीं होना चाहिए बल्कि समग्र व्यक्तित्व पर काम करना चाहिए: इसरो प्रमुख
Modified Date: November 24, 2025 / 08:23 pm IST
Published Date: November 24, 2025 8:23 pm IST

चेन्नई, 24 नवंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने सोमवार को कहा कि छात्रों को केवल किताबी कीड़ा नहीं बनना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने समग्र व्यक्तित्व के विकास के लिए काम करना चाहिए।

नारायणन ने अन्ना शताब्दी पुस्तकालय में राज्य के पाठ्यक्रम में संशोधन के मकसद से तमिलनाडु द्वारा आयोजित एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति और नयी पाठ्यक्रम डिज़ाइन समिति की बैठक में हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता तमिलनाडु के स्कूली शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोई ने की।

बैठक से इतर संवाददाताओं से बातचीत में नारायणन ने मूल्य आधारित शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।

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इसरो प्रमुख ने कहा, ‘‘शिक्षा दो प्रकार की होती है। एक बौद्धिक शिक्षा। आप गणित, विज्ञान पढ़ते हैं… और उच्च अंक प्राप्त करते हैं। लेकिन मूल्य-आधारित शिक्षा में माता-पिता का सरंक्षण, दूसरों का सम्मान, शिक्षकों का सम्मान और सहिष्णुता जैसे मूल्य भी शामिल होते हैं। हमारी इच्छा है कि छात्र ऐसी ही विशिष्टता की भावना के साथ अध्ययन करें। केवल किताब ही महत्वपूर्ण नहीं है। समग्र व्यक्तित्व विकास महत्वपूर्ण है।’’

तमिलनाडु के एक सरकारी स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले नारायणन ने यह भी कहा कि वास्तव में यह मायने नहीं रखता कि कोई कहां पढ़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आप कैसे पढ़ते हैं, कैसे आगे बढ़ते हैं, यह महत्वपूर्ण है। कहां से, किस स्कूल से, यह महत्वपूर्ण नहीं है। कोई जहां भी पढ़ता है, अगर वह अच्छी तरह पढ़ता है, तो वह अच्छी तरह आगे बढ़ सकता है।’’

भाषा यासिर धीरज

धीरज


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