अमेरिकी कानून के उल्लंघन का प्रयास करने वाले छात्रों को सजा भुगतनी होगी: अमेरिकी विदेश मंत्रालय

अमेरिकी कानून के उल्लंघन का प्रयास करने वाले छात्रों को सजा भुगतनी होगी: अमेरिकी विदेश मंत्रालय

अमेरिकी कानून के उल्लंघन का प्रयास करने वाले छात्रों को सजा भुगतनी होगी: अमेरिकी विदेश मंत्रालय
Modified Date: April 18, 2025 / 06:34 pm IST
Published Date: April 18, 2025 6:34 pm IST

नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी कानून के उल्लंघन का प्रयास करने वाले छात्रों को सजा भुगतनी होगी, जिसमें देश से निर्वासित किया जाना भी शामिल है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मार्गरेट मैकलियोड ने पीटीआई को डिजिटल माध्यम से दिए गए साक्षात्कार में कहा कि ट्रंप प्रशासन आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम और ‘एलियन रजिस्ट्रेशन एक्ट’ (प्रवासी पंजीकरण अधिनियम) समेत आप्रवासन कानूनों को कठोरता से लागू कर रहा है।

मैकलियोड ने अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के सामने आ रहीं समस्याओं के संबंध में एक सवाल के जवाब में कहा, “अगर आप कानून का पालन करते हैं तो अमेरिका आपको अवसर मुहैया कराएगा। लेकिन कानून का उल्लंघन करने वालों को परिणाम भुगतने होंगे।”

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अमेरिका में भारतीय छात्र निर्वासन के बढ़ते खतरे का सामना कर रहे हैं, क्योंकि अधिकारी फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लेने से लेकर छोटे-छोटे कानूनी उल्लंघनों समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर एफ-1 वीजा रद्द कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बृहस्पतिवार को अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था, “हमें पता है कि कई भारतीय छात्रों को अमेरिकी सरकार की ओर से उनके एफ-1 वीजा की स्थिति के बारे में सूचना मिली है, जो कि छात्र वीजा है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावास सहायता प्रदान करने के लिए छात्रों के संपर्क में हैं।”

जायसवाल कई भारतीय छात्रों को ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों की ओर से भेजे गए संदेशों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। इन पत्रों में छात्रों के वीजा रद्द होने की आशंका के बारे में बताया गया है।

हालांकि मैकलियोड ने किसी खास मामले का उल्लेख नहीं किया, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दंड से बचने के लिए अमेरिकी कानूनी व वीजा आवश्यकताओं का पालन करना आवश्यक है।

अवैध आव्रजन से जुड़े व्यापक मुद्दे पर, मैकलियोड ने कहा कि ट्रंप प्रशासन आव्रजन कानूनों को कठोरता से लागू कर रहा है।

उन्होंने कहा, “अमेरिकी सरकार अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे कानूनों को तोड़कर प्रवेश करने वालों का स्वागत नहीं करेगी।”

मैकलियोड ने भारतीय परिवारों के रिश्तेदारों समेत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों से स्वेच्छा से अपने देश लौटने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, “अभी भी अपने वतन लौटने का अवसर है।”

उन्होंने कहा कि वे अपने प्रस्थान के लिए गृह मंत्रालय से संपर्क करें या सीबीपी ऐप का उपयोग करें।

अमेरिकी अधिकारी ने आशा व्यक्त की कि जो लोग अवैध रूप से देश में प्रवेश कर गए हैं, वे सख्त प्रवर्तन उपायों से बचने के लिए स्वेच्छा से देश छोड़ देंगे।

उल्लेखनीय है कि शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में 3.3 लाख से अधिक भारतीय छात्रों ने अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लिया, जो इससे पिछले साल की तुलना में 23 प्रतिशत अधिक है। इस हिसाब से भारत एक ऐसा देश है, जिसके सबसे ज्यादा छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं।

हालांकि, खबरों के अनुसार, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले महीने फरवरी में भारतीय छात्रों को जारी किए गए वीजा की संख्या में 30 प्रतिशत की गिरावट आई।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस की भारत यात्रा के बारे में मैकलियोड ने कहा कि वह जयपुर और आगरा की अपनी निजी यात्रा से पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे।

मैकलियोड ने कहा, “वे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण सभी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।”

मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत वापस भेजे जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अमेरिका ने उसे भारतीय कानून के तहत न्याय का सामना करने के लिए वापस भेजा है।

उन्होंने कहा, “भारत और अमेरिका आतंकवाद रोधी प्रयासों में सहयोग करते रहेंगे।”

भाषा जोहेब नरेश

नरेश


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