सफलता की कहानी: यहाँ मजदूर परिवार के 3 भाई बहनों ने एक साथ पास की सिविल सेवा की कठिन परीक्षा, एक ही किताब से सभी ने की पढ़ाई

Unique success story. Three siblings passed the civil service exam together.

सफलता की कहानी: यहाँ मजदूर परिवार के 3 भाई बहनों ने एक साथ पास की सिविल सेवा की कठिन परीक्षा, एक ही किताब से सभी ने की पढ़ाई

Unique success story. Three siblings passed the civil service exam together.

Modified Date: January 22, 2023 / 03:05 pm IST
Published Date: January 22, 2023 2:53 pm IST

Due to the success of all three siblings, there is an atmosphere of celebration in their village.

गरीबी और अभावों के बीच भी कड़ी मेहनत, संघर्ष और धैर्य के बूते सफलता का रास्ता किस तरह तय किया जाता हैं इसकी बानगी पेश की हैं जम्मू कश्मीर के डोडा में रहने वाले तीन भाई-बहनो ने। तीनो ने एक ही साथ मेहनत की, एक ही साथ इम्तहान में शामिल हुए और एक ही साथ सफलता भी हासिल की। गरीबी और जरूरतों के बीच इस परिवार ने अपने बच्चो को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उसकी शिक्षा में कोई कमी न रह जाए। नतीजा यह रहा की परिवार के तीनों ही भाई बहन ने सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा पास कर लिया।

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जम्मू कश्मीर के राज्य सेवा परीक्षा में शामिल होने वालो में डोडा जिले के सुदूर कहारा इलाके की इफरा अंजुम वाणी, उसके छोटे भाई सुहैल अहमद वानी और तीसरी सबसे बड़ी बहन हुमा वानी हैं। इनमे हुमा वानी ने दुसरे जबकि बहन अंजुम और भाई सुहैल ने पहले ही कोशिश में एक्जाम क्रैक कर लिया। सिविल सर्विस एग्जाम में भाई सुहैल ने 111वां, हुमा ने 117वां और इफरा ने 143वां स्थान हासिल किया हैं। इनमे सुहैल ने स्नातकोत्तर किया हैं जबकि हुमा और इफरा पत्राचार के माध्यम से पोलिटिकल साइंस में एमए किया हैं।

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बताया गया की इनके पिता मुनीर अहमद वानी एक ठेका मजदूर हैं जो हर महीने 10000 से 20000 ही कमा पाते हैं। इससे पहले वह एक निजी कंपनी में मैकेनिक भी रहे। मुनीर की बीवी हाउस वाइफ हैं। इनका घर जम्मू के बहुकिले के पास शाहबाद कॉलोनी में मौजूद है। इफरा ने बताया की गरीबी की वजह से किसी भी भाई बहन के पास मोबाइल फोन नहीं था जबकि किताबो की भी काफी किल्लत थी। तीनों ही भाई बहन आपस में साझा कर एक ही किताब से पढ़ाई किया करते थे। हुमा ने बताया की जब परीक्षा के परिणाम जारी हुए तो यह जानने के लिए उनके पास मोबाइल भी नहीं था। इसकी जानकारी उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें दी।

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तीनों ही भाई बहन का कहना हैं की वह प्रशासनिक अधिकारी बनाकर समाज की सेवा करना चाहते हैं. खासकर उस वर्ग के बच्चो को पढ़ाई लिखे के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं जो अभाव की वजह से यह मुकाम हासिल करने में पीछे रह जाते हैं. भाई सुहैल इससे पहले पुलिस में भर्ती होना चाहता था जबकि दोनों बहनें नागरिक प्रशासन में शामिल होकर समाज की सेवा करना चाहती हैं. तीनों की सफलता से गाँव में जश्न का माहौल हैं. प्रदेश भर से उन्हें बधाईया मिल रही हैं. बधाई देने के लिए रिश्तेदारों का घर पर तांता लगा हुआ हैं.


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown