सुमित्रा महाजन के जवाब से पार्लियामेंट भी कटघरे में, आंबेडकर भी सिर्फ 10 साल के लिए चाहते थे आरक्षण

सुमित्रा महाजन के जवाब से पार्लियामेंट भी कटघरे में, आंबेडकर भी सिर्फ 10 साल के लिए चाहते थे आरक्षण

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  • Publish Date - October 1, 2018 / 07:59 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

रांची .लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन हमेशा अपने स्पष्टवादी  विचारों के लिए जानी जाती है.इसी के चलते उन्होंने आज एक ऐसा बयान दे दिया है जिसके चलते उन्होंने पार्लियामेंट की भूमिका को ही  कठघरे में ला कर खड़ा कर दिया है। आरक्षण मुद्दे पर उनसे पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने जो बात कही वो वाकई उनकी स्पष्टवादिता को बयां करता हुआ है। 

 

ज्ञात हो कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सवाल किया है कि क्या शिक्षा और नौकरियों में हमेशा के लिए आरक्षण दिया जाना ठीक है? इस विषय पर उन्होंने कहा, बीआर आंबेडकर भी केवल 10 साल के लिए आरक्षण चाहते थे. इस दौरान सुमित्रा महाजन ने पार्लियामेंट की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि संसद भी आरक्षण को सिर्फ आगे बढ़ाता रहा. हर बार दस साल के लिए आरक्षण बढ़ा दिया गया. एक बार तो इसे 20 साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया, आखिर ऐसा कब तक चलेगा. इसे आगे बढ़ाते रहने के पीछे क्या सोच है? उन्होंने कहा, “हमारे लिए सभी धर्म समान हैं. आज देश और समाज को तोड़ने वाली ताकतें सक्रिय हैं. सरल स्वभाव वाले आदिवासियों का धर्म परिवर्तन किया गया. लेकिन, हमारी सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाया है। 

 

इसके आगे सुमित्रा ताई ने आगे यह भी कहा कि देश को आगे बढ़ाने और सामाजिक समरसता के लिए उन्होंने बीआर आंबेडकर के पदचिह्नों पर चलने की जरूरत है। ज्ञात हो कि सुमित्रा महाजन रांची में आयोजित चार दिवसीय ‘लोकमंथन’ कार्यक्रम के आखिरी दिन अपने समापन संबोधन में आई हुई थी। उसी दौरान प्रेस से बातचीत में उन्होंने यह बात  कही। 

वेब डेस्क IBC24