झारखंड के डीजीपी की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए न्यायालय सहमत

झारखंड के डीजीपी की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए न्यायालय सहमत

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  • Publish Date - July 24, 2025 / 01:53 PM IST,
    Updated On - July 24, 2025 / 01:53 PM IST

नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करने पर सहमति जताई। याचिका में दावा किया गया है कि नियुक्ति में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई अगले हफ्ते 30 और 31 जुलाई को होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने कहा कि झारखंड के मौजूदा डीजीपी नियुक्ति के बावजूद अपने पद पर बने हुए हैं।

अंजना प्रकाश एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से पेश हुई थीं और उन्होंने दलील दी कि तीन न्यायाधीशों की पीठ को अदालत के पिछले निर्देशों के अनुपालन से जुड़े मामले की सुनवाई करनी थी।

मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि ऐसी स्थिति में अगले हफ्ते नियमित मामलों की सुनवाई के दौरान मामले की सुनवाई की जाएगी।

गुप्ता केंद्र सरकार के नियमों के तहत 60 वर्ष की आयु पूरी करने पर 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य सरकार ने उनके कार्यकाल विस्तार के लिए केंद्र को पत्र लिखा।

सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने राज्य सरकार के कार्यकाल विस्तार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

इससे पहले भी, राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो सरकार द्वारा गुप्ता की ‘तदर्थ’ (एडहॉक) नियुक्ति के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की गई थी।

पिछले साल 6 सितंबर को, शीर्ष अदालत ने एक अवमानना याचिका पर राज्य सरकार और गुप्ता से जवाब मांगा था।

अवमानना याचिका में शीर्ष अदालत के 2006 के एक फैसले और उसके बाद के निर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाया गया था, जिसमें पुलिस महानिदेशकों के लिए दो साल का निश्चित कार्यकाल और यूपीएससी द्वारा तैयार राज्य के तीन वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों की सूची में से उनका चयन सहित कई पहलुओं को अनिवार्य किया गया था।

भाषा वैभव नरेश

नरेश