नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कैदियों की समयपूर्व रिहाई में हो रही देरी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सोमवार को दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने समयपूर्व रिहाई की प्रार्थना को खारिज करने के लिए सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) को भी आड़े हाथ लिया।
पीठ ने कहा, ‘दिल्ली सरकार कैदियों की समयपूर्व रिहाई के मुद्दे से जिस तरह निपट रही है, वह खेदजनक है। इस बारे में बहुत कुछ कहा जा सकता है।’
शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार के आश्वासन के बावजूद कुछ नहीं किया गया और समय से पहले रिहाई के मुद्दे से निपटने के तरीके की गहन जांच की जानी चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले 114 दोषियों की सजा माफी याचिका पर निर्णय लेने में देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का एक आतंकवादी भी शामिल था, जिसे देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
शीर्ष अदालत ने 14 साल से अधिक वक्त से जेल में बंद आजीवन कारावास की सजा पाए दोषियों की माफी याचिका को मशीन ढंग से खारिज करने के लिए राज्यों की आलोचना की थी।
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश