PAK Citizen in India: IIM में पढ़ाई और बेंगलुरु के IT कम्पनी मे नौकरी.. इस पाकिस्तानी परिवार को वापस भेजने पर SC की रोक, जानें वजह

इस फैसले से फिलहाल याचिकाकर्ताओं को निर्वासन से अस्थायी राहत मिली है, लेकिन उनकी नागरिकता की स्थिति स्पष्ट होने तक मामले की गंभीरता बरकरार है।

PAK Citizen in India: IIM में पढ़ाई और बेंगलुरु के IT कम्पनी मे नौकरी.. इस पाकिस्तानी परिवार को वापस भेजने पर SC की रोक, जानें वजह

PAK Citizen in India || Image- IBC24 News File

Modified Date: May 2, 2025 / 01:48 pm IST
Published Date: May 2, 2025 1:44 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सुप्रीम कोर्ट ने छह लोगों के जबरन निर्वासन पर रोक लगाई।
  • याचिकाकर्ताओं ने खुद को भारतीय नागरिक बताया, दस्तावेज पेश किए।
  • केंद्र को दस्तावेजों की जांच कर नागरिकता स्पष्ट करने का आदेश।

PAK Citizen in India: नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने आदेश दिया था कि भारत में रह रहे पाक नागरिक भारत छोड़ दें। इस आदेश के बाद बड़े पैमान पर पाकिस्तानी नागरिकों की खोजबीन की जाने लगी और उन्हें स्वदेश भेज दिया गया। हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने 6 पाकिस्तानी नागरिकों को वापसी पाक भेजे जाने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने केंद्र को निर्देशित किया है कि पहले उनके नागरिकता की पुष्टि की जाए। इन लोगों ने खुद को भारतीय नागरिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जब तक उचित जांच और निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी बलपूर्वक निर्वासन की कार्रवाई नहीं की जाएगी।

Read Also: Kedarnath Mandir Image and Videos: जयघोष के साथ खुल गये बाबा केदारनाथ धाम के पट.. रंगबिरंगे फूलों से नहाया मंदिर, देखें ये तस्वीर और वीडियो

याचिकाकर्ताओं ने बताए भारतीय दस्तावेज

याचिकाकर्ताओं के वकील नंद किशोर ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल भारतीय नागरिक हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड जैसे वैध दस्तावेज हैं। वकील ने कहा कि दो याचिकाकर्ता बैंगलोर में कार्यरत हैं, जबकि उनके माता-पिता और बहनें श्रीनगर में निवास करती हैं। याचिका में आरोप लगाया गया कि श्रीनगर में रह रहे परिजनों को जीप में वाघा बॉर्डर की ओर ले जाया गया था।

 ⁠

अधिकारियों को दस्तावेजों की जांच का आदेश

PAK Citizen in India: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के अधिकारियों से कहा कि वे याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों और सभी तथ्यों की पुष्टि करें, जो उनकी नागरिकता को स्पष्ट कर सकें। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए, लेकिन निर्णय के लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई। खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल इस विशेष मामले की परिस्थितियों पर आधारित है और इसे भविष्य में मिसाल के तौर पर नहीं लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह भी छूट दी है कि यदि वे केंद्र सरकार के अंतिम निर्णय से असंतुष्ट रहते हैं, तो वे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।

Read More: PM Modi Visit News Today: PM मोदी का केरल और आंध्रप्रदेश दौरा आज, अमरावती को 58 हजार करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात

बहरहाल इस फैसले से फिलहाल याचिकाकर्ताओं को निर्वासन से अस्थायी राहत मिली है, लेकिन उनकी नागरिकता की स्थिति स्पष्ट होने तक मामले की गंभीरता बरकरार है।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown