ट्रेन में चढ़ते-उतरते समय हादसा होने पर मिलेगा मुआवजा

ट्रेन में चढ़ते-उतरते समय हादसा होने पर मिलेगा मुआवजा

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  • Publish Date - May 10, 2018 / 07:12 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

नई दिल्ली। रेलवे को अब ट्रेन में चढ़ते या उतरते वक्त घायल होने वाले को मुआवजा देना होगा। रेलवे को यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि ट्रेन से उतरते या चढ़ते समय यात्री की मौत या उसका घायल होना अप्रिय घटना है और ऐसी स्थिति में यात्री मुआवजे का हकदार है। इस स्थिति को उसकी लापरवाही नहीं मानी जा सकता है। अदालत ने यह भी साफ किया कि सिर्फ रेलवे परिसर में किसी शव या घायल के होने से यह निर्णय नहीं हो जाएगा कि घायल या मृत मुआवजे के संबंध में वास्तविक यात्री था। यह निर्णय जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस रोहिंनटन एफ नरीमन की पीठ ने दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि मुसाफिर के पास टिकट न होने पर भी उसे मुआवजा देने से मना नहीं किया जा सकता। रेलवे एक्ट 1989 के सेक्शन 124A के मुताबिक, अगर कोई यात्री रेल में आत्महत्या करता है या आत्महत्या की कोशिश करता है या फिर खुद को जान-बूझकर चोट पहुंचाने की कोशिश करता है तो इसे यात्री का अपराध माना जाएगा।

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बता दें कि इस रेलवे एक्ट के खिलाफ देश की कई हाई कोर्ट ने पहले एक-दूसरे के खिलाफ फैसला दिया था। कुछ हाई कोर्ट ने ऐसे यात्रियों को भी मुआवजे का हकदार बताया तो कुछ अन्य हाई कोर्ट ने इसे रेलवे की लापरवाही मानने से इनकार करते हुए आत्महत्या करने और कोशिश करने को अपराध की श्रेणी में रखा। अब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे यात्रियों को भी मुआवजे का हकदार बताया है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘अपनी कोशिश के कारण घायलहोने की परिभाषा के पीछे ऐसा करनेवालों की मूल भावना को समझना होगा। मुआवजे की मांग को अस्वीकार करने के लिए यात्री की लापरवाही का एक ग्राउंड हो सकता है, लेकिन रेलवे के परिसर में होनेवाली ऐसी दुर्घटनाओं पर मुआवजा नहीं देने के लिए इसे आधार नहीं मान सकते।

वेब डेस्क, IBC24