न्यायालय ने उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा दायर मानहानि मामले में मेधा पाटकर की दोष सिद्धि को सही ठहराया

न्यायालय ने उपराज्यपाल सक्सेना द्वारा दायर मानहानि मामले में मेधा पाटकर की दोष सिद्धि को सही ठहराया

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 12:58 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 12:58 PM IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा दायर मानहानि के 25 साल पुराने मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की दोषसिद्धि को सोमवार को सही ठहराया।

न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती जिसमें पाटकर को ‘‘अच्छे आचरण की शर्त’’ पर रिहा किया गया था, लेकिन उन्हें हर तीन साल में एक बार अधीनस्थ अदालत में पेश होने को कहा था।

पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील की दलील पर गौर करते हुए लगाया गया जुर्माना हटा दिया गया है और हम यह भी साफ करते हैं कि निगरानी आदेश लागू नहीं किया जाएगा।’’

उच्च न्यायालय ने 29 जुलाई को 70 वर्षीय पाटकर की दोषसिद्धि और सजा को बरकरार रखा था। सक्सेना ने यह मामला 25 साल पहले दायर किया था, जब वह गुजरात में एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के प्रमुख थे।

भाषा खारी सिम्मी

सिम्मी