न्यायालय के फैसले से पलानीस्वामी की अंतिम बाधा दूर |

न्यायालय के फैसले से पलानीस्वामी की अंतिम बाधा दूर

न्यायालय के फैसले से पलानीस्वामी की अंतिम बाधा दूर

:   Modified Date:  February 23, 2023 / 07:29 PM IST, Published Date : February 23, 2023/7:29 pm IST

चेन्नई, 23 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को के. पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव बने रहने की अनुमति दे दी और इसके साथ ही अपनी पार्टी के शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति की राह में अंतिम कानूनी बाधा दूर हो गई।

इसके साथ ही न्यायालय ने ओ. पनीरसेल्वम द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद चेन्नई में अन्नाद्रमुक के मुख्यालय में जश्न शुरू हो गया।

उच्चतम न्यायालय के आदेश से खुश पलानीस्वामी ने कहा कि इस फैसले ने ‘‘विश्वासघात’’ करने वालों और ‘‘द्रमुक की बी-टीम’’ का पर्दाफाश कर दिया जो उनकी पार्टी को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि ‘धर्म, न्याय और सत्य’ की आज जीत हुई है।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला दिवंगत मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन (एमजीआर) और जे. जयललिता जैसे पार्टी के दिग्गजों की ‘दिव्यता’ का परिणाम है।

जयललिता के वफादार रहे पनीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। जयललिता जब भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद थीं तो पनीरसेल्वम उनकी जगह मुख्यमंत्री रहे थे।

न्यायालय के इस फैसले के बाद 68 वर्षीय नेता को औपचारिक रूप से महासचिव चुना जाएगा और इसके लिए औपचारिकताओं पर जल्द ही ऑल इण्डिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वरिष्ठ पदाधिकारी निर्णय लेंगे।

दूसरी ओर, सर्वोच्च अदालत के फैसले से पन्नीरसेल्वम के राजनीतिक भविष्य पर संकट के बादल घिर आए हैं। हालांकि उनके समर्थकों को यकीन है कि वह अमरपक्षी (फीनिक्स) की तरह फिर से उभरेंगे।

पलानीस्वामी ने फैसले को ‘महान और ऐतिहासिक’ बताया और संकेत दिया कि उनका या उनकी पार्टी का अब पन्नीरसेल्वम से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ कई लोगों ने कहा था कि अब अन्नाद्रमुक का कोई भविष्य नहीं है (2021 की चुनावी हार और पार्टी के भीतर विवाद के मद्देनजर), और यह सब उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के फैसलों के साथ समाप्त हो गया है।’

एम के स्टालिन नीत द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पर निशाना साधते हुए पलानीस्वामी ने कहा, ‘जब एमजीआर ने अन्नाद्रमुक की स्थापना की, तो उन्होंने कहा था कि यह द्रमुक नामक बुरी ताकत को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है और वह आखिरी सांस तक उसका विरोध करते रहे।’’

उधर पन्नीरसेल्वम के घर में सन्नाटा था वहीं पार्टी मुख्यालय और राज्य के विभिन्न हिस्सों में अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता फैसले का जश्न मना रहे थे।

पन्नीरसेल्वम के समर्थक एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘उनके लिए एक नया राजनीतिक अध्याय शुरू हो रहा है। पन्नीरसेल्वम एक बार फिर उभरेंगे और पार्टी में अपनी स्थिति वापस प्राप्त करेंगे। पार्टी के संस्थापक एम जी रामचंद्रन ने अपनी क्षमताओं को तब साबित किया था जब उन्हें द्रमुक से निष्कासित कर दिया गया था।’

उन्होंने कहा कि पन्नीरसेल्वम लोगों की अदालत में जाएंगे। हालांकि पन्नीरसेल्वम ने घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की।

भाषा अविनाश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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