नई दिल्ली। तस्वीर में फटेहाल से दिख रहे इस शख्स के बारे में आप यह तो अंदाजा लगा सकते हैं कि यह बेहद तंगी और गरीबी से जूझ रहा होगा और बड़ी मुश्किल से मेहनत मजदूरी करके अपना व परिवार का पेट पालता होगा, लेकिन इससे परे हम वो कहानी बताने जा रहे हैं, जिसको सुनकर आप का मन भी इसकी दिलेरी को सलाम करने का होगा। बड़े-बड़े सेलिब्रेटी छोटी-मोटी मदद करके खूब सुर्खियां बटोरते हैं, लेकिन इस शख्स ने बिना किसी स्वार्थ के ऐसा काम किया, जिसे भले ही अखबारों और टीवी चैनल्स में जगह नहीं मिली है, लेकिन उसने उन हजारों लोगों के दिलों में हमेशा के लिए वो जगह बना ली है, जिसे बड़े से बड़ा सेलिब्रेटी लाखों-करोड़ों खर्च करके भी नहीं बना सकता। इतना ही नहीं इसने सैकड़ों-हजारों को अनाथ होने से और कइयों की गोद उजड़ने से बचा लिया है। उनके लिए ये वाकई किसी हीरो से कम नहीं है। दरअसल, पेशे से मजदूर स्वप्न देबकर्मा अपनी बिटिया के साथ काम पर निकला तो उसने रास्ते में देखा कि भूस्खलन से रेलवे का ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है। इस हालत में वहां से कोई भी ट्रेन गुजरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। ऐसे में उसने अपनी जान–माल की परवाह किए बिना यात्रियों की जान बचाई। क्रिकेटर वीरेन्द्र सहबाग ने इसकी बहादुरी की सराहना करते हुए रियल नेशनल हीरो बताया है।
मिली जानकारी के मुताबिक 15 जून शुक्रवार के दिन ट्रेन में सफर कर रहे लोगों ने यह सोचा भी नहीं था कि ऐसा शख्स जिसको वे जानते भी नहीं, वो उनके लिए देवदूत साबित होगा। पूरा वाकया ऐसा है कि भूस्खलन के कारण रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था। यात्री और ड्राइवर इससे बेखबर आराम से ट्रेन में चले जा रहे थे। लेकिन उस पर पहली नजर पड़ी इस एक गरीब मजदूर स्वप्न देबबर्मा की, जो पास ही छोटी पहाड़ी पर अपने बेटी के साथ मौजूद था। जिसके पास तन ढकने के लिए भी सीमित और फटे कपड़े बस थे। उसने तुरंत खतरे को भांपते हुए पटरी पर दौड़ लगानी शुरू कर दी। संयोग यह था कि उस दिन ट्रेन तीन घंटे लेट चल रही थी, लेकिन देरी को कवर करने के लिए ट्रेन ने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि उसे रोकना लगभग असंभव था। ऐसे में स्वप्न देबबर्मा ने अपनी बेटी को छोड़कर ट्रेन को रोकने के लिए अपने शरीर के एकमात्र कपड़े को खोलकर दौड़ता रहा। गनीमत है कि बदहवासी में दौड़ते शख्स को देखकर ड्राइहर ने इमरजेंसी ब्रेक का प्रयोग किया। कहानी किसी हिंदी फिल्म के दृश्य जैसी लगती है, लेकिन यह अंबासा से अगरतला रेलवे ट्रैक की सच्ची घटना है।
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ट्रेन के रुकते ही ड्राइवर उतरा और स्वपन ने उन्हें सारी बात बताई, लेकिन ड्राइवर को इसकी भाषा नहीं आती थी, तो उसने इशारों से पूरी बात समझाई और इस तरह संदेश रेलवे के अधिकारियों तक पहुंचाई गई, ताकि इस रुट की दूसरी गाड़ियों को भी रवाना होने से रोका जा सके। जब ड्राइवर को पूरा मामला समझ आया तो उसने आभार व्यक्त किया।
Not all superheroes have a cape, some have a towel. Meet Swapan Debbarma who saved a train accident btwn
Ambassa & Agartala.He spotted a derailed track & jumped onto d track,waved his towel,stopped the Train from an accident & saved thousands of lives.Such heroes must be rewarded pic.twitter.com/Q6wFzFvZC3— Virender Sehwag (@virendersehwag) June 19, 2018
यात्रियों को जब यह बात पता चली तो वे भी स्वप्न देबबर्मा की बहादुरी और सूझबूझ के कायल हो गए और सभी ने दिल से उसे धन्यवाद दिया। उन सभी यात्रियों के लिए वो भगवान से कम नहीं था, क्योंकि उसके कारण ही हजारों लोग सही सलामत अपनी यात्रा पूरी कर पाए। यह अलग बात है कि उनका हीरो वापस मेहनत मजदूरी में खोकर अपनी रोजी रोटी में जुट गया है। आपको यह खबर इसलिए मिल पाई क्योंकि किसी ने ड्राइवर से सारी बातें जानकर उसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर अब जमकर वायरल हो रहा है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सेहवाग ने भी इसे ट्विटर पर शेयर कर ऐसी हीरोज़ को अवार्ड दिए जाने की वकालत की है।
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बता दें कि स्वपन देबबर्मा गांतचार्य गांव समिति के स्वर्गीय केताराम देबबर्मा के पुत्र हैं, जो अब डंचारा गांव में रहते हैं। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। सभी मजदूर हैं।
वेब डेस्क, IBC24