गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को नहीं मिली जगह, सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को नहीं मिली जगहः Tableau of West Bengal out in Republic Day parade

गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी को नहीं मिली जगह, सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: January 16, 2022 6:17 pm IST

कोलकाता : Tableau of West Bengal out in Republic Day parade दिल्ली में आगामी गणतंत्र दिवस परेड से स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर आधारित पश्चिम बंगाल की झांकी को बाहर करने के केंद्र के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हैरानी जताई है। उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, क्योंकि राज्य के लोगों को इस कदम से ‘पीड़ा’ होगी।

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Tableau of West Bengal out in Republic Day parade बनर्जी ने यह भी कहा कि झांकी को खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया। बनर्जी ने मोदी को लिखे दो पन्नों के पत्र में कहा,‘‘मैं भारत सरकार के आगामी गणतंत्र दिवस परेड से पश्चिम बंगाल सरकार की प्रस्तावित झांकी को अचानक बाहर करने के निर्णय से स्तब्ध और आहत हूं। यह हमारे लिए और भी चौंकाने वाली बात है कि झांकी को बिना कोई कारण या औचित्य बताए खारिज कर दिया गया।’’

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती वर्ष पर उनके और आजाद हिन्द फौज के योगदान की स्मृति में बनाई गई थी। बनर्जी ने पत्र में कहा, ‘‘मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि पश्चिम बंगाल के लोग केंद्र सरकार के इस रवैये से बहुत आहत हैं। यह जानकर हैरानी होती है कि यहां के बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस समारोह में इस अवसर को मनाने के लिए कोई जगह नहीं मिली है।’’.

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बनर्जी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं आपसे इस निर्णय पर पुनर्विचार करने और स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर गणतंत्र दिवस परेड में पश्चिम बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों की झांकी को शामिल कराने का आग्रह करती हूं।’’


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।