शोलिंगुर मंदिर में दो चाभियों वाली प्रणाली समाप्त करने को कदम उठाएं : अदालत

शोलिंगुर मंदिर में दो चाभियों वाली प्रणाली समाप्त करने को कदम उठाएं : अदालत

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  • Publish Date - December 10, 2021 / 07:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

चेन्नई, 10 दिसंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु हिन्दू धार्मिक और परमार्थ संपदा (एचआर एंड सीई) विभाग को निर्देश दिया है कि वह रानीपेट जिले के शोलिंगुर स्थित प्रसिद्ध श्री लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर में आभूषणों और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के लिए पिछले करीब आठ दशकों से चली आ रही दो चाभियों वाली प्रणाली समाप्त करने के लिए कदम उठाए।

शोलिंगुर स्थित लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर 108 वैष्णव दिव्यदेसमों में से एक है।

न्यायमूर्ति आर. सुरेश कुमार ने केकेसी योगेश नामक व्यक्ति की याचिका पर हाल ही में सुनवाई करने हुए उक्त निर्देश दिए। याचिका में योगेश ने दावा किया है कि दोहरी ताला प्रणाली को ऑपरेट करने वाले वह ‘पहले तीर्थांकर’ हैं और मंदिर के आभूषणों तथा कीमती वस्तुओं के संबंध में पहली चाभी के मालिक हैं।

योगेश ने एचआर एंड सीई विभाग के संयुक्त आयुक्त का 17 नवंबर, 2021 का विज्ञापन खारिज करने का अनुरोध किया था जिसमें उक्त मंदिर के न्यासी के रूप में गैर-वंशानुगत नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

दस्तावेजों/साक्ष्यों पर संज्ञान लेने और पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने विज्ञापन से जुड़े रिकॉर्ड खारिज करने से इंकार कर दिया।

भाषा अर्पणा अनूप

अनूप