तमिलनाडु ई-पास प्रणाली : ऊटी में व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद, ऑटो और टैक्सी सड़कों से नदारद

तमिलनाडु ई-पास प्रणाली : ऊटी में व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद, ऑटो और टैक्सी सड़कों से नदारद

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  • Publish Date - April 2, 2025 / 05:53 PM IST,
    Updated On - April 2, 2025 / 05:53 PM IST

(फोटो के साथ)

उदगमंडलम (तमिलनाडु), दो अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में बुधवार को व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और ऑटो तथा पर्यटक टैक्सियां ​​सड़कों पर नजर नहीं आयीं। वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण रखने के लिए अदालत के फैसले के अनुरूप लागू की गई ई-पास प्रणाली के विरोध में वाहन सड़कों से नदारद रहे।

इस आंदोलन से पर्यटक बुरी तरह प्रभावित हुए, जिन्होंने होटल में उपलब्ध कमरों और भोजन के लिए काफी अधिक कीमतों के वसूले जाने की शिकायत की।

ई-पास प्रणाली के पूर्ण विरोध के कारण पर्यटक प्रमुख रूप से प्रभावित हुए, क्योंकि होटल बंद रहने के कारण उन्हें होटल के कमरे और भोजन उपलब्ध नहीं हो सका। प्रदर्शन के कारण क्षेत्र में होटल और रेस्तरां बंद रहे।

लोग सरकारी अम्मा कैंटीनों में कतारों में खड़े दिखे, जबकि सड़क किनारे विभिन्न स्थानों पर खाद्य सामग्री बेचने वाले विक्रेता खड़े हुए थे।

अम्मा कैंटीन का नाम दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के नाम पर रखा गया है और इन दुकानों पर रियायती दरों पर भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

केरल के एक मौलाना ने कहा कि भोजन बहुत अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि जिस होटल ने मंगलवार तक उन्हें 5,000 रुपये में कमरा किराए पर दिया था, वह अब 15,000 रुपये मांग रहा है। उन्होंने होटल के किराए पर नियंत्रण रखने के लिए एक तंत्र की मांग की।

स्थानीय निवासी राजेश ने भोजन और होटल के कमरों की बढ़ी हुई दरों की ओर भी ध्यान दिलाया, साथ ही उन्होंने कहा कि ई-पास प्रणाली से छुट्टियों के मौसम के दौरान पहाड़ी जिले में व्यापार प्रभावित होगा।

स्थानीय चाय किसान संघ के सचिव सुकुमारन ने ई-पास पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलेगी और भीड़-भाड़ से बचा जा सकेगा।

नीलगिरि जिले के उदगमंडलम (ऊटी), कोटागिरी, गुडालुर और पंडालुर में दुकानें बंद रहीं।

प्रदर्शनकारी दुकानदारों के अलावा पर्यटक एवं टैक्सी संचालक ई-पास प्रणाली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और उनका कहना है कि इससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है।

नए आदेश के अनुसार, निजी वाहनों से जिले में आने वाले लोगों को पहले सरकारी पोर्टल पर आवेदन करना होगा और ई-पास प्राप्त करना होगा।

मद्रास उच्च न्यायालय ने इससे पहले तमिलनाडु के ऊटी और कोडईकनाल (डिंडीगुल) के लिए ई-पास प्रणाली को अनिवार्य कर दिया था, ताकि गर्मियों के दौरान पहाड़ी पर्यटन आकर्षण केंद्रों में वाहनों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाई जा सके।

एक अप्रैल से लागू हुई इस व्यवस्था के अनुसार, नीलगिरि में प्रवेश करने वाले वाहनों की संख्या सप्ताह के दिनों में 6,000 तथा सप्ताहांत में 8,000 तक सीमित रहेगी।

भाषा रवि कांत रवि कांत नरेश

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