अहमदाबाद: Teesta Setalvad hatched conspiracy to hang PM Modi विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों के सिलसिले में कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने को लेकर अहमदाबाद की एक अदालत में तीस्ता सीतलवाड़, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक आर.बी. श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ बुधवार को आरोपपत्र दाखिल किया। जांच अधिकारी एवं सहायक पुलिस आयुक्त बी.वी. सोलंकी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यहां मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया। उन्होंने बताया कि पूर्व आईपीएस अधिकारी से वकील बने राहुल शर्मा को भी इस मामले में गवाह बनाया गया है।
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Teesta Setalvad hatched conspiracy to hang PM Modi आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 194 (मौत की सजा दिलाने के लिए दोषसिद्धि के इरादे से झूठे सबूत देना या गढ़ना) और 218 (लोक सेवक द्वारा लोगों को सजा से बचाने के इरादे से गलत जानकारी दर्ज करना) समेत अन्य प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं। जून के अंतिम सप्ताह में गिरफ्तार सीतलवाड़ को उच्चतम न्यायालय के दो सितंबर के आदेश के बाद अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वहीं, श्रीकुमार इस मामले में जेल में बंद हैं जबकि तीसरा आरोपी भट्ट पालनपुर की जेल में है, जहां वह हिरासत में मौत के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
पूरे 100 पेज की इस चार्जशीट में तीस्ता सीतलवाड़, संजीव भट्ट और आर बी श्रीकुमार का नाम है, इन तीनों पर गुजरात सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का आरोप है। इनपर इस मामले में केस पहले ही दर्ज हो चुका है। अब SIT ने चार्जशीट में गवाहों से जुड़े कुछ दस्तावेज भी पेश किए हैं। लिखा गया है कि पूर्व IPS श्रीकुमार और संजीव भट्ट प्रशासन का हिस्सा थे, बावजूद इसके वे सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे थे। लिखा गया है कि आरोपियों की मंशा तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी की राजनीतिक पारी खत्म करना और उनकी साख को नुकसान पहुंचाने की थी। इसके लिए फर्जी दस्तावेज, फर्जी एफिडेविट के लिए बकायदा वकीलों को फौज तैयार की गई।
यह भी लिखा गया है कि पीड़ितों को गुमराह करते हुए जो घटनाएं नहीं घटी ऐसी मनगढ़ंत कहानियों पर हस्ताक्षर लिए गए। दस्तावेज अंग्रेजी में होते थे लिहाजा वे पीड़ितों की समझ से बाहर थे।एसआईटी ने दावा किया कि आरबी श्रीकुमार ने गवाह को धमकी दी थी कि यदि आप तीस्ता का समर्थन नहीं करते हैं तो मुसलमान आपके खिलाफ हो जाएंगे और आप आतंकवादियों के निशाने पर होंगे। अगर हम आपस में लड़ना शुरू कर देते हैं तो दुश्मनों को फायदा होगा और मोदी को भी।
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एसआईटी के अनुसार, सीतलवाड़ कांग्रेस के कई नेताओं के साथ दंगा प्रभावितों के लिए लगाए गए शिविरों में गईं और उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिए गुमराह किया कि उन्हें गुजरात में न्याय नहीं मिलेगा। टीम ने कहा कि उन्होंने पीड़ितों से हेराफेरी की और अपने मामले राज्य के बाहर की अदालतों में ले गए। तीस्ता लगातार संजीव भट्ट के संपर्क में थी। वह ई-मेल पर पत्रकारों, गैर सरकारी संगठनों और विपक्षी नेताओं के संपर्क में था। वह कोर्ट और अन्य अधिकारियों को एसआईटी पर दबाव बनाने के लिए कहता था।
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