तेलंगाना सुरंग दुर्घटना: फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए बाधाएं हटाकर बचाव अभियान तेज किया गया

तेलंगाना सुरंग दुर्घटना: फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए बाधाएं हटाकर बचाव अभियान तेज किया गया

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  • Publish Date - February 27, 2025 / 10:56 AM IST,
    Updated On - February 27, 2025 / 10:56 AM IST

(फोटो के साथ)

नगरकुरनूल (तेलंगाना), 27 फरवरी (भाषा) तेलंगाना के नगरकुरनूल में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के एक निर्माणाधीन खंड के आंशिक रूप से ढहने के बाद सुरंग में फंसे आठ व्यक्तियों को बचाने में जुटी टीम ने टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के उस हिस्से और अन्य अवरोधकों को काटना शुरू कर दिया है जो फंसे हुए व्यक्तियों की मौजूदगी की आशंका वाले स्थान तक पहुंचने में बाधक बन रहे थे।

नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) वैभव गायकवाड़ ने कहा कि सुरंग में ‘कन्वेयर बेल्ट’ के क्षतिग्रस्त हिस्से की दिन के दौरान मरम्मत हो जाने की संभावना है जिससे मलबा हटाने में मदद मिलेगी।

अधिकारी से जब पूछा गया कि क्या गैस कटर ने काम करना शुरू कर दिया है, तो उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हां, यह पहले ही हो चुका है (गैस कटर वाली मशीनें अंदर चली गई हैं)। (यहां तक ​​कि) रात के समय भी उन्होंने कुछ कटाई की। हां, यह कल रात से ही शुरू हो चुका है।’’

तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बुधवार को कहा कि अंदर लगी टीबीएम को गैस कटर का उपयोग करके टुकड़ों में काटा जाएगा और निकाला जाएगा। इसके बाद सेना, नौसेना, ‘रैट माइनर्स’ (पर्वतीय क्षेत्रों में हाथ से खुदाई करने में महारत रखने वाले विशेषज्ञ व्यक्तियों) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम अपनी सुरक्षा से समझौता किए बिना, लापता आठ लोगों को बचाने के लिए एक और गंभीर प्रयास करेंगी।

एक सवाल पर एसपी ने कहा कि वह इस बात का जवाब नहीं दे सकते कि फंसे हुए लोगों का आज पता चल पाएगा या नहीं।

सूत्रों के अनुसार, सुरंग के काम में शामिल कुछ मजदूरों ने डर की वजह से जगह छोड़ने की बात कही है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि एसएलबीसी परियोजना पर 800 लोग काम कर रहे हैं, जिनमें से 300 स्थानीय हैं जबकि बाकी झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से हैं।

दुर्घटना के बाद मजदूरों के घबराने और उनके नौकरी छोड़ने की योजना के संबंध में मीडिया में आई खबरों पर अधिकारी ने कहा कि मजदूरों में शुरुआती आशंका होंगी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘कंपनी ने मजदूरों के लिए आवासीय शिविर भी बनाए हैं। शुरुआती घबराहट होगी। हो सकता है कि कुछ लोग वापस जाना चाहें। लेकिन हमारे पास मजदूरों के सामूहिक रूप से काम छोड़ने की कोई खबर नहीं है।’’

एसएलबीसी सुरंग का एक हिस्सा 22 फरवरी को ढह जाने के बाद परियोजना पर काम कर रहे आठ कर्मचारी सुरंग के अंदर फंस गए थे।

इस बीच, पूर्व मंत्री और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक टी. हरीश राव आज अपने पार्टी नेताओं के साथ एसएलबीसी परियोजना का दौरा करेंगे।

एसएलबीसी परियोजना का ठेका हासिल करने वाली कंपनी जेपी ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश गौड़ ने बुधवार को घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि मुश्किल काम के दौरान दुर्घटनाएं होने की आशंका रहती हैं।

जेपी ग्रुप की प्रमुख कंपनी ‘जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड’ को एसएलबीसी की सुरंग खोदने का काम दिया गया था।

गौड़ ने कहा कि बचाव टीम यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं कि फंसे हुए लोग बाहर आ सकें।

फंसे हुए आठ लोगों में से दो इंजीनियर और चार मजदूर ‘जयप्रकाश एसोसिएट्स’ के लिए काम करते हैं।

फंसे हुए लोगों की पहचान मनोज कुमार (उत्तर प्रदेश), श्री निवास (उत्तर प्रदेश), सनी सिंह (जम्मू कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू (सभी झारखंड के निवासी) के रूप में हुई है। इन आठ में से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और शेष चार मजदूर हैं।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा