Cuttack Violence: दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान यहां भड़की हिंसा, फेंकें गए पत्थर और कांच की बोतलें, VHP ने किया बंद का आह्वान

दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान यहां भड़की हिंसा, फेंकें गए पत्थर और कांच की बोतलें, Violence erupted during Durga idol immersion, with stones and glass bottles being thrown

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  • Publish Date - October 5, 2025 / 09:08 PM IST,
    Updated On - October 5, 2025 / 10:11 PM IST

कटक: Cuttack Violence दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा भड़कने की घटना के कुछ घंटों बाद रविवार को ओडिशा के कटक शहर में तनाव की स्थिति बनी रही। इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने छह अक्टूबर को शहर में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया। पुलिस के अनुसार दरगाबाजार क्षेत्र के हाथी पोखरी के पास विसर्जन जुलूस के कथाजोड़ी नदी के किनारे देवीगढ़ की ओर जाने के दौरान रात डेढ़ बजे से दो बजे के बीच झड़पें हुईं।

अधिकारियों ने बताया कि हिंसा तब भड़की जब कुछ स्थानीय लोगों ने जुलूस में बज रहे तेज संगीत पर आपत्ति जताई। बहस जल्द ही टकराव में बदल गई, जब भीड़ ने छतों से पत्थर और कांच की बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं, जिससे कटक के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) खिलारी ऋषिकेश ज्ञानदेव समेत कई लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। झड़प के दौरान कई वाहन और सड़क किनारे लगे ठेले भी क्षतिग्रस्त हुए।विसर्जन का कार्यक्रम लगभग तीन घंटे के लिए रोक दिया गया, क्योंकि पूजा समिति के सदस्यों ने झड़प में शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। भारी सुरक्षा के बीच विसर्जन का कार्यक्रम फिर से शुरू हुआ और रविवार सुबह साढ़े नौ बजे तक शेष सभी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। पुलिस के अनुसार, अब तक छह लोग गिरफ्तार किए गए हैं और सीसीटीवी फुटेज, ड्रोन से लिये गये दृश्यों और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है।

विहिप ने प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया और डीसीपी तथा जिले के कलेक्टर के तत्काल स्थानांतरण की मांग की। परिषद ने इस घटना के विरोध में सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया। विहिप के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बार-बार अनुरोधों के बावजूद प्रशासन शांतिपूर्ण विसर्जन सुनिश्चित करने में विफल रहा।’’ बीजू जनता दल (बीजद) ने ‘‘असामाजिक तत्वों’’ को दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने का प्रयास किया। वहीं मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया और अधिकारियों को घायल लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा लागू किए गए हैं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।