अमरनाथ यात्रा को लेकर राज्य और केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम का दावा किया जाता है। सरकार की ओर से पूरे यात्रा के रूट पर चप्पे- चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। अमरनाथ यात्रा के नियमों के मुताबिक सात बजे के बाद यात्रा रूट पर कोई बस नहीं जा सकती है। ऐसे में रात 8 बजकर 20 मिनट पर बस का रास्ते में होना सुरक्षा में बड़ी चूक मानी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस बार पहले ही चेताया था, कि आतंकी यात्रा पर आने वाले श्रद्घालुओं पर हमले की साजिश रच रहे हैं।
अमरनाथ यात्रा में जाने वाली बसों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है और उन्हें सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाती है. लेकिन ये बात सामने आई है, कि जिस बस पर हमला हुआ है, उसका ना तो कोई रजिस्ट्रेशन था और ना ही इसे कोई सुरक्षा मिली थी।
अनंतनाग विधायक ने भी सुरक्षा में चूक को लेकर सवाल उठाए हैं तो ख़ुद स्टेट ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर भी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं। ये पहली बार नहीं है जब अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला हुआ है. साल 2000 में भी आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया था. इस हमले में 30 यात्रियों की मौत हो गयी थी. उस वक्त केंद्र में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी.