टीईटी के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला

टीईटी के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला

टीईटी के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का फैसला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: June 3, 2021 8:59 am IST

नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को वर्तमान सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय किया है ।

यह निर्णय 2011 से प्रभावी होगा । केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की।

निशंक ने कहा कि जिन उम्मीदवारों या छात्रों के प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई है, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि के पुनर्निधारण करने या नया टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिये जरूरी कदम उठायेंगे ।

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शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, निशंक ने कहा कि टीईटी के योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को वर्तमान सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने का निर्णय किया गया है ।

उन्होंने कहा कि इस कदम से शिक्षण के क्षेत्र में अपना करियर बनाने को इच्छुक उम्मीदवारों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ।

उल्लेखनीय है कि स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति के लिये किसी व्यक्ति की पात्रता के संबंध में शिक्षक पात्रता परीक्षा का योग्यता प्रमाणपत्र एक जरूरी पात्रता है ।

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी 2011 के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकार टीईटी का आयोजन करेंगी और टीईटी योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता की अवधि परीक्षा पास होने की तिथि से सात वर्ष तक होगी ।

भाषा दीपक दीपक मनीषा

मनीषा


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