पैट्रिशिया मुखिम का मामला, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला: एडिटर्स गिल्ड

पैट्रिशिया मुखिम का मामला, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला: एडिटर्स गिल्ड

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  • Publish Date - November 23, 2020 / 10:38 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शिलांग टाइम्स की संपादक पैट्रिशिया मुखिम पर आपराधिक मामले को लेकर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि यह मामला देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बड़े खतरे को प्रदर्शित करता है।

मुखिम ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी थी जिसके बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी।

गिल्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के विरुद्ध कानून के विभिन्न प्रावधानों को किस प्रकार इस्तेमाल किया जा सकता है, मुखिम का मामला इसका उदाहरण पेश करता है।

कुछ दिन पहले ही मुखिम ने एडिटर्स गिल्ड की “चुप्पी” हवाला देते हुए विरोध स्वरूप इस संगठन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने से मना कर दिया था।

अदालत ने मुखिम को उनके द्वारा जुलाई में लिखी फेसबुक से सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का दोषी पाया था।

रविवार को जारी किये गए बयान में गिल्ड ने कहा कि पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त शिलांग टाइम्स की संपादक मुखिम पर “उनके द्वारा लिखी गई एक सोशल मीडिया पोस्ट पर दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर आपराधिक मामला चलाना” चिंताजनक है।

लॉसेतुन में एक बॉस्केटबाल कोर्ट में आदिवासी और गैर आदिवासी युवकों के बीच झड़पर पर जुलाई 2020 में लिखी गई फेसबुक पोस्ट के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई थी।

गिल्ड ने कहा, “मुखिम का मामला भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बड़े स्तर पर खतरे को प्रदर्शित करता है, जो कानून के अस्पष्ट ढांचे के तहत संचालित होता है और जिसका अकसर असहमति को दबाने के लिए सरकार और एजेंसियों द्वारा दुरुपयोग किया जाता है।”

भाषा यश पवनेश

पवनेश