कोच्चि, 17 अप्रैल (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने एक निजी खनन कंपनी द्वारा अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी वीणा टी से जवाब मांगा है।
अधीनस्थ न्यायालय ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) द्वारा दर्ज शिकायत पर संज्ञान लेते हुए आदेश पारित किया था और इस मामले में वीणा टी पहले से ही आरोपी हैं।
न्यायमूर्ति टी आर रवि ने केंद्र सरकार और विजयन की बेटी वीणा टी सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) की याचिका पर उनका रुख पूछा है।
उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 23 मई को तय की है।
अदालत ने कहा कि भारत के उप सॉलिसिटर जनरल (डीएसजीआई) ने प्रथम प्रतिवादी (केन्द्र सरकार) का नोटिस लिया है। शेष प्रतिवादियों (2 से 12) को स्पीड पोस्ट के जरिए नोटिस भेजने और दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है, साथ ही डीएसजीआई को भी अपना हलफनामा अदालत में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि चूंकि इस मामले में अदालत द्वारा मामला स्वीकार करने और ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023’ व ‘दंड प्रक्रिया संहिता’ के प्रावधानों पर सवाल उठाए गए हैं, इसलिए फिलहाल दो महीने तक की अवधि के लिए वर्तमान स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया जाता है।
इस महीने की शुरुआत में एसएफआईओ ने अवैध भुगतान घोटाले से जुड़े मामले में सीएमआरएल और वीणा टी तथा उनकी अब बंद हो चुकी आईटी कंपनी एक्सालॉजिक सहित अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
रिपोर्टों के अनुसार, एसएफआईओ की जांच में खनन कंपनी के अंदर 182 करोड़ रुपये का वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें कई अन्य लोग भी आरोपी बनाए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह धोखाधड़ी गैर-मौजूद खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाकर तथा फर्जी बिल बनाकर की गई।
एसएफआईओ की जांच में कथित तौर पर यह भी खुलासा हुआ कि वीणा टी ने बिना कोई सेवा प्रदान किए खनन कंपनी से 2.7 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे, हालांकि मुख्यमंत्री विजयन ने इस आरोप को नकारा है।
भाषा
योगेश नरेश
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