वंदे मातरम् की ऊर्जा आज भी उतनी ही प्रखर है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में थी: बिरला
वंदे मातरम् की ऊर्जा आज भी उतनी ही प्रखर है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में थी: बिरला
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि वंदे मातरम् की ऊर्जा आज भी उतनी ही प्रखर है, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में थी।
उन्होंने सदन में वंदे मातरम् पर चर्चा की शुरुआत से पहले यह टिप्पणी की।
बिरला ने सदन में कहा, ‘‘आज हम ‘वंदे मातरम्’ की 150 वर्षीय गौरव-यात्रा का स्मरण कर रहे हैं। एक ऐसी अमर ध्वनि, जिसकी प्रत्येक पंक्ति में भारत की प्रकृति, मातृत्व, सौंदर्य और शक्ति का अद्भुत समन्वय धड़कता है। इस गीत ने लाखों भारतीयों के भीतर स्वतंत्रता का स्वप्न देखने का साहस जगाया और असंख्य वीरों ने यातनाओं और फांसी के तख्तों पर चढ़ते हुए भी वंदे मातरम् का उद्घोष कर मातृभूमि के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम उन ज्ञात-अज्ञात सभी राष्ट्रनायकों को नमन करते हैं, जिनकी आस्था और त्याग ने वंदे मातरम् को केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प का कालजयी प्रतीक बना दिया। वंदे मातरम् की ऊर्जा आज भी उतनी ही प्रखर है, जितनी स्वतंत्रता-संग्राम के दिनों में थी।’’
बिरला का कहना था, ‘‘आज का यह विमर्श हमारी राष्ट्रीय स्मृतियों और सांस्कृतिक आत्मा को पुनः आलोकित करने का अवसर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि माननीय सदस्य अपने उदात्त विचारों से इस चर्चा को सत्र का एक ऐतिहासिक अध्याय बनाएंगे और वंदे मातरम् की प्रकाशमान ऊर्जा को नई पीढ़ियों तक और भी प्रखरता से पहुंचाएंगे।’’
भाषा हक हक वैभव
वैभव

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