विद्या की देवी मां सरस्वती के जन्म का पर्व है बसंत पंचमी, ऐसे करें पूजा

विद्या की देवी मां सरस्वती के जन्म का पर्व है बसंत पंचमी, ऐसे करें पूजा

  •  
  • Publish Date - January 22, 2018 / 03:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

माघ मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि को सरस्वती मां की पूजा की जाती है। क्योंकि इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन पूरे भारत में देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। भोर में सरस्वती देवी की पूजा करे, कलश के स्थापना व वाग्देवी का आवाहन कर। विधि पूर्वक देवी सरस्वती के पूजा करें, फिर पंचमी के दिन सरस्वती की पूजा के बाद संध्या काल में मूर्ति को प्रणाम करके जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। सरस्वती वाणी एवं ज्ञान की देवी है। ज्ञान को संसार में सभी चीजों से श्रेष्ठ कहा गया है। इस आधार पर देवी सरस्वती सभी से श्रेष्ठ हैं।

4 दिन में 5 जवान शहीद, राजनाथ की हुंकार, हम घर में घुसकर भी मार सकते हैं

सरस्वती माता कला की भी देवी मानी जाती हैं अतः कला क्षेत्र से जुड़े लोग भी माता सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं, व्यावहारिक रूप से विद्या तथा बुद्धि व्यक्तित्व विकास के लिए जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार विद्या से विनम्रता, विनम्रता से पात्रता, पात्रता से धन और धन से सुख मिलता है। देवी सरस्वती की पूजा की जाए तो विद्या व बुद्धि के साथ सफलता भी निश्चित मिलती है। सरस्वती देवी की साधना से वाक सिद्धि और तीव्र बुद्धि अतिशीघ्र प्राप्त होती है।

बिना अनुमति महिला को छूना अपराध – दिल्ली हाईकोर्ट 

इनकी साधना से रचनात्मकता व काव्य गुण परस्पर आते हैं। अतः जिन्हें भी तीव्र बुद्धि और वाक की सिद्धि चाहिए उन्हें आज माता सरस्वती कि पूजा जरुर करनी चाहिए। विशेषकर बच्चो को जिन्हें एग्जाम में शामिल होना हो, आज माता सरस्वती की पूजा करें और स्वेत वस्त्र दान कर अपने शिक्षक से आशीर्वाद प्राप्त करें तो निश्चित ही तीव्र बुद्धि और वाक की सिद्धि प्राप्त होगी।

 

वेब डेस्क, IBC24