हिमाचल में ठप पड़ी उड़ान सेवाओं, कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का मुद्दा उठाया गया राज्यसभा में

हिमाचल में ठप पड़ी उड़ान सेवाओं, कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का मुद्दा उठाया गया राज्यसभा में

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  • Publish Date - December 17, 2025 / 02:32 PM IST,
    Updated On - December 17, 2025 / 02:32 PM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में दो सदस्यों ने बुधवार को अपने-अपने राज्यों में विमानन संपर्क से जुड़ी समस्याओं को उठाते हुए कोलकाता से सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कमी और हिमाचल प्रदेश में क्षेत्रीय हवाई सेवाओं में व्यवधान पर चिंता जताई।

शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य साकेत गोखले ने कहा कि कोलकाता हवाई अड्डा पश्चिम बंगाल और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रवेश द्वार होने के बावजूद, वहां से अमेरिका और यूरोप के लिए कोई सीधी उड़ान उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने कहा कि कोलकाता हवाई अड्डे से पिछले वर्ष लगभग 25 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने यात्रा की, और उनकी संख्या में सालाना 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

गोखले के अनुसार, पश्चिम बंगाल में विदेशी पर्यटकों की संख्या 2022 में 10 लाख से बढ़कर 2024 में 31 लाख हो गई है, जो तीन वर्षों में तीन गुना वृद्धि को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि राज्य अब देश में विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाला दूसरा सबसे बड़ा गंतव्य बन गया है, जहां अमेरिका, ब्रिटेन और इटली से सबसे अधिक पर्यटक आते हैं।

गोखले ने केंद्र सरकार से कोलकाता हवाई अड्डे के लिए 12 से 24 महीनों की अवधि वाला समयबद्ध प्रोत्साहन पैकेज शुरू करने, लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में छूट देने, लक्षित मार्ग व्यवहार्यता समर्थन उपलब्ध कराने तथा अधिक स्लॉट और बेहतर ‘ग्राउंड हैंडलिंग’ के जरिए परिचालन संबंधी अड़चनों को कम करने का आग्रह किया।

शून्यकाल में ही भारतीय जनता पार्टी के हर्ष महाजन ने ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में महत्वपूर्ण हवाई मार्गों पर सेवाओं में व्यवधान का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली-शिमला, शिमला-धर्मशाला और शिमला-अमृतसर जैसे महत्वपूर्ण मार्गों पर हवाई संपर्क, अनुबंधों की अवधि समाप्त होने के कारण प्रभावित हुआ है।

महाजन ने बताया कि एयर एलायंस ने दिल्ली-शिमला-धर्मशाला-दिल्ली मार्ग पर तीन वर्षों तक उड़ान संचालन के बाद 25 सितंबर, 2025 तक सेवाएं दीं, लेकिन उच्च परिचालन लागत का हवाला देते हुए उड़ानें बंद कर दीं।

उन्होंने कहा कि यह एयरलाइन उड़ान योजना के तहत मिलने वाली व्यवहार्यता अंतर निधि पर निर्भर थी और इसके बिना परिचालन को आर्थिक रूप से जारी रखना संभव नहीं रहा।

महाजन ने कहा कि सेवाओं के निलंबन से शिमला हवाई अड्डे पर लगभग गैर-परिचालन की स्थिति है, जिससे पर्यटन और व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री से नए संचालकों को आमंत्रित कर या मौजूदा संचालकों के साथ उड़ान योजना के तहत समझौते का नवीनीकरण कर जल्द से जल्द हवाई सेवाएं बहाल करने का आग्रह किया।

भाषा मनीषा माधव

माधव