सहायता के तौर पर मिले चिकित्सा उपकरण कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए है न कि किसी संस्थान के बक्सों के वास्ते:अदालत

सहायता के तौर पर मिले चिकित्सा उपकरण कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए है न कि किसी संस्थान के बक्सों के वास्ते:अदालत

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  • Publish Date - May 5, 2021 / 10:13 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि चिकित्सा उपकरणों के रूप में मिली विदेशी सहायता कोविड-19 से पीड़ित लोगों के फायदे के वास्ते है न कि किसी संस्थान के बक्सों में रखकर ‘कबाड़’ बनाने के लिए।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पिल्लै की पीठ ने कहा, ‘‘ जब सरकार को यह चिकित्सा सहायता के रूप में मिली है तो यह लोगों की मदद के वास्ते है। यह कहीं किन्हीं बक्सों में रखने और रखे-रखे कबाड़ बन जाने के लिए नहीं है। ’’

अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब न्याय मित्र वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने सहायता के रूप में मिले चिकित्सा उपकरणों के वितरण के केंद्र और दिल्ली सरकार के तौर-तरीकों को लेकर चिंता प्रकट की।

राव ने कहा कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को करीब 260 ऑक्सीजन सांद्रक मिले हैं जबकि उसे उतने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि ऐसे मनमाने ढंग से उपकरण वितरित करने से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जहां वे (उपकरण) वैसे स्थानों पर नहीं पहुंचेंगे जहां उनकी वाकई जरूरत है।

पीठ ने न्याय मित्र की चिंता को ‘विचारणीय’ बताते हुए केंद्र को विभिन्न अस्पतालों को विदेशी सहायता के वितरण के संदर्भ में जमीनी स्थिति का सत्यापन करने का आदेश दिया।

अदालत ने केद्र से इन उपकरणों को गुरद्वारों आर उन गैर सरकारी संगठनों में वितरित करने पर विचार करने के लिये कहा जो जनसेवा कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने पीठ को आश्वासन दिया कि वह विदेशी सहायता के वितरण के लिए बनायी गयी मानक संचालन प्रक्रिया की प्रति न्यायमित्र को उपलब्ध कराएगी।

भाषा राजकुमार अनूप

अनूप