नयी दिल्ली, 25 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि आज देश में युवाओं के लिए जितने नए अवसर हैं, वे अभूतपूर्व हैं।
इस साल गणतंत्र दिवस परेड समारोह में शामिल होने वाले राष्ट्रीय कैडेड कोर (एनसीसी) के कैडेट और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों और अन्य कलाकारों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र से लेकर पर्यावरण और जलवायु से जुड़ी चुनौतियों तक भारत आज पूरी दुनिया के भविष्य के लिए काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत का सबसे बड़ा लाभ युवाओं को होगा और इसके निर्माण की सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी उनके ही कंधों पर है। मोदी ने कहा कि वे अमृत काल में देश की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिनिधित्व भी करते हैं।
उन्होंने स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों और मानवता के भविष्य पर भारत के ध्यान को नई प्रेरणा के रूप में उद्धृत किया और कहा, ‘‘एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), मशीन लर्निंग और अन्य भविष्य की प्रौद्योगिकियों में देश सबसे आगे है।’’
उन्होंने खेलों और इस तरह की अन्य गतिविधियों के लिए मौजूद मजबूत प्रणाली का भी उल्लेख किया और कहा, ‘‘आपको इस सब का हिस्सा बनना होगा। आपको अनदेखी संभावनाओं की खोज करनी होगी, अनदेखे क्षेत्रों का पता लगाना होगा और अकल्पनीय समाधान खोजने होंगे।’’
प्रधानमंत्री ने युवाओं के बड़ी संख्या में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने को उत्साहजनक बताया और कहा कि एनसीसी और एनएसएस युवा पीढ़ी को राष्ट्रीय सरोकारों से जोड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए सरकार का भी निरंतर प्रयास रहा है कि वह इन संगठनों को प्रोत्साहित करे और इनका विस्तार करे।
मोदी ने कहा कि सीमावर्ती और तटीय क्षेत्रों में अलग-अलग चुनौतियां आती हैं और इसके लिए भी युवाओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर वे ‘पहले प्रतिक्रिया देने वालों’ की भूमिका निभा सकें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को जीवंत बनाने के लिए वहां के विकास को बढ़ावा दे रही है और वहां विभिन्न सुविधाएं सृजित कर रही है।
उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य युवा आबादी को सशक्त बनाना और शिक्षा एवं रोजगार के लिए बेहतर रास्ते बनाना है ताकि लोग इन गांवों में लौट सकें।
मोदी ने युवाओं से ‘टीम भावना’ के साथ काम करने की सलाह दी और कहा कि सफलता हमेशा कई लोगों के प्रयासों से मिलती है।
जी-20 की भारत की अध्यक्षता का जिक्र करते हुए उन्होंने युवाओं से इसके बारे में पढ़ने और स्कूलों एवं कॉलेजों में आपस में चर्चा करने को कहा।
उन्होंने ‘‘स्वच्छ भारत’’ अभियान का उदाहरण देते हुए उनसे विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने का भी सुझाव दिया।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र पवनेश
पवनेश
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