एनजीटी ने आदेश का पालन नहीं करने को लेकर देहरादून के जिलाधिकारी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया

एनजीटी ने आदेश का पालन नहीं करने को लेकर देहरादून के जिलाधिकारी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया

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  • Publish Date - May 16, 2024 / 09:45 PM IST,
    Updated On - May 16, 2024 / 09:45 PM IST

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तराखंड में जंगल के पेड़ों की कटाई के संबंध में एक मामले की सुनवाई के दौरान अपने पूर्व आदेश का पालन नहीं करने के लिए देहरादून के जिलाधिकारी पर मुकदमा खर्च के तौर पर 10,000 रुपये देने का आदेश दिया है।

आमवाला तरला गांव में 20 एकड़ से अधिक जंगल को क्षतिग्रस्त किए जाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने पूर्व में जिलाधिकारी को एक समिति द्वारा निरीक्षण और रिपोर्ट दाखिल करने को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अधिकरण ने पहले एक संयुक्त समिति का गठन किया था, जिसमें जिलाधिकारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रमुख शामिल थे।

पीठ ने कहा कि इस समिति को मौका-मुआयना करना था, लेकिन कोई निरीक्षण नहीं किया गया और अन्य अधिकारियों द्वारा एक रिपोर्ट दाखिल की गई थी।

पिछले सप्ताह पारित एक आदेश में एनजीटी ने कहा, ‘‘संयुक्त समिति में समन्वयक के रूप में यह जिलाधिकारी की जिम्मेदारी थी कि वह यह सुनिश्चित करें कि अधिकरण के निर्देश के संदर्भ में आवश्यक कदम उठाए जाएं और रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।’’

आदेश में कहा गया, ‘‘दिन की कार्यवाही के दौरान अधिकरण का समय बर्बाद हुआ इसलिए हमारे पास अधिकरण के आदेश का पालन न करने के लिए जिलाधिकारी, देहरादून पर 10,000 रुपये की लागत लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’

जिलाधिकारी को दो सप्ताह के भीतर लागत राशि जमा करने का निर्देश देते हुए अधिकरण ने संयुक्त समिति को पिछले आदेश का पालन करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।

मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त के लिए सूचीबद्ध की गई।

भाषा शफीक माधव

माधव