जो पुजारी बच्चों के साथ छेड़खानी करता है, उसकी प्रार्थना कौन सा भगवान स्वीकार करता होगा- हाईकोर्ट की दलील.. साधु को उम्रकैद की सजा
The priest who flirts with the children must have a prayer of which God accepts: Court जो पुजारी बच्चों के साथ छेड़खानी करता है, उसकी प्रार्थना कौन सा भगवान स्वीकार करता होगा: अदालत
कोच्चि, 24 सितंबर भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के जुर्म में एक साधु को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए टिप्पणी कि ‘हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान ऐसे पुरोहित की प्रार्थना/पूजा-अर्चना स्वीकार करता होगा जिसने बार बार एक नाबालिग से उसके भाई-बहनों के सामने छेडखानी की।’
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न्यायमूर्ति के विनोद और न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए ए की पीठ ने मंजेरी के निवासी मधु को अधिकतम सजा सुनाते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं।
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अदालत ने आरोपी की अपील पर यह टिप्पणी की जिसे नाबालिग लडकी के साथ बलात्कार करने को दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने अपने फैसले में कहा,‘‘ जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं।
इस मामले में हमने एक ऐसे पुजारी को देखा जिसने बस बडी लडकी को , वो भी उसके भाई-बहनों की मौजूदगी, बार बार छेड़ने के लिए परित्यक्त महिला एवं उसके तीन बच्चों को अपने पास रखा। हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान भगवान एक ऐसे पुरोहित की प्रार्थना स्वीकार करता होगा या उसे माध्यम मानता होगा?’’

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