नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर एक अप्रैल को सुनवाई करेगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बालाजी को पिछले साल धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ इस मामले में उनकी दूसरी जमानत याचिका खारिज करने संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय के 28 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली बालाजी की याचिका पर सुनवाई करेगी।
उच्च न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि यदि उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया गया तो इससे गलत संकेत जाएगा और यह व्यापक जनहित के खिलाफ होगा।
इसने कि याचिकाकर्ता को आठ महीने से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा है और इसलिए, विशेष अदालत को समय सीमा के भीतर मामले का निपटारा करने का निर्देश देना अधिक उचित होगा।
उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि सुनवाई उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रतिदिन के आधार पर की जाएगी।
बालाजी को 14 जून 2023 को ईडी ने ‘नकदी के बदले नौकरी’ घोटाले में गिरफ्तार किया था। उस वक्त वह पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री थे।
ईडी ने 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ तीन हजार पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था। मद्रास उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर को बालाजी की पिछली जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
एक स्थानीय अदालत भी उनकी जमानत याचिकाएं तीन बार खारिज कर चुकी है।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव