नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) दिल्ली मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने दिसंबर 2022 में गुरुग्राम के द्वारका एक्सप्रेसवे पर एक कार की टक्कर से जान गंवाने वाले 32 वर्षीय इंजीनियर के परिवार को मुआवजे के रूप में 1.38 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया है।
पीठासीन अधिकारी सुदीप राज सैनी मृतक कौशल मिश्रा की पत्नी और माता-पिता द्वारा दायर मुआवजे की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
याचिका के अनुसार एक निजी कंपनी में वरिष्ठ अभियंता मिश्रा 11 दिसंबर, 2022 को द्वारका एक्सप्रेसवे से मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे, तभी अमन कुशवाहा द्वारा लापरवाही से चलाई जा रही एक कार ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी।
इसमें कहा गया कि दुर्घटना के कारण मिश्रा सड़क पर गिर गए और उन्हें चोटें आईं। 10 दिन बाद अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।
न्यायाधिकरण ने 10 दिसंबर के एक आदेश में कहा, ‘‘समग्र दृष्टिकोण से देखने पर, यह सिद्ध हो जाता है अमन कुशवाहा द्वारा तेज और लापरवाही से कार चलाने के कारण कौशल मिश्रा की मृत्यु हुई।’’
न्यायाधिकरण ने कहा कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने गवाही दी थी कि टक्कर मारने वाला वाहन गलत दिशा से आ रहा था। घटना के वक्त मोटरसाइकिल चालक ने हेलमेट पहन रखा था।
न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी की इस दलील को खारिज कर दिया कि दुर्घटना मोटरसाइकिल चालक की लापरवाही के कारण हुई थी। न्यायाधिकरण ने कहा कि मिश्रा की किसी भी तरह की लापरवाही को दर्शाने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया गया।
न्यायाधिकरण ने विभिन्न मदों के अंतर्गत परिवार को मुआवजे के रूप में 1.38 करोड़ रुपये प्रदान किए। चार दावेदार मृतक पर आश्रित पाए गए। न्यायाधिकरण ने कहा कि दुर्घटना के समय संबंधित वाहन का बीमा था और टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को मुआवजे की राशि जमा करने का निर्देश दिया।
भाषा आशीष नरेश
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