This person arrived with 10 rupees coins to get car Dharmapuri Tamil Nadu

10 रुपए के सिक्कों को लेकर शोरूम पहुंचा ये शख्स, 6 लाख रुपए में खरीदी कार, बैंक ने भी लेने से कर दिया था मना

interesting news : तमिलनाडु के धर्मपुरी में एक शख्स ने कार लेने के लिए 10-10 रुपए के ढेर सारे सिक्के लेकर शोरूम पहुंचा।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : June 19, 2022/5:31 pm IST

interesting news : तमिलनाडु के धर्मपुरी से एक रोचक खबर सामने आई है। यहां पर एक शख्स ने कार लेने के लिए 10-10 रुपए के ढेर सारे सिक्के लेकर शोरूम पहुंचा। उसने 6 लाख की गाड़ी लेने के लिए 10-10 रुपए के सिक्के लेकर शोरूम पहुंच गया।

सिक्के लेकर कार शो रूम पहुंचा वेत्रिवेल ने बताया कि वह अपनी दुकान में जमा सिक्कों को बदलवाने के लिए बैंक भी गया। लेकिन बैंक वालों ने ये सिक्के लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि बैंक में इतने सिक्के गिनने के लिए लोग नहीं हैं। वेत्रिवेल ने पूछा, ”जब RBI ने इन्हें बेकार करार नहीं दिया है तो बैंक इन सिक्कों को लेने से क्यों इनकार कर रहे हैं?”

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उसने बताया कि उसके पड़ोस में काफी सारे ऐसे बच्चे भी हैं जो 10-10 रुपए के सिक्कों के साथ खेलते हैं। जब उनसे पूछो कि वे ऐसा क्यों करते हैं? तो बच्चों का कहना होता है कि ये सिक्के उनके माता-पिता उन्हें देते हैं, क्योंकि ये किसी काम के नहीं होते।

वेत्रिवेल ने इसके बाद परेशान होकर एक महीनों तक खूब सारे 10-10 के सिक्के जोड़े। 6 लाख रुपए के सिक्के जोड़ने के बाद वह उन सिक्कों को लेकर वह कार शोरूम गया। उसने गाड़ी पसंद करके शोरूम मालिक से पेमेंट सिक्कों में देने की बात कही। पहले को कार शोरूम मालिक ने इनकार कर दिया। लेकिन बाद में वह मान गया।

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वेत्रिवेल ने बताया कि वह गाड़ी में भरकर सिक्के लेकर शोरूम गया था। जैसे ही पेमेंट के लिए सिक्कों की बोरियां खोलीं तो हर कोई हैरान रह गया। उसने बताया कि वह ऐसा करके लोगों को दिखाना चाहता है कि 10 रुपये के सिक्के बेकार नहीं हैं।

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interesting news : उसने बताया कि वह ऐसा करके लोगों को एक संदेश देना चाहता है। इस अनोखे खरीदार का नाम वेत्रिवेल है और वह अरूर का रहने वाला है। वेत्रिवेल ने बताया कि वह प्राइमरी स्कूल और ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर चलाता है। उसकी मां एक दुकान चलाती हैं। उनकी दुकान पर जो कोई भी ग्राहक आता है, वह बकाया के रूप में 10 रुपये के सिक्के लेने से इनकार कर देता है। जिसके कारण उनके पास 10-10 रुपये के काफी सारे सिक्के जमा हो गए थे।

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